केदारनाथ धाम (हि. डिस्कवर)
तो क्या हमारा संत समाज ने देश पर आने वाले कल के खतरे को पूर्व में ही भाँप लिया है? क्योंकि विश्व भर के देशों पर इस दौर में जो महाशक्तियों के टकराव का खतरा मंडरा रहा है, उससे भारत बर्ष भी वंचित नहीं है। विगत 24 फरवरी 2022 से वर्तमान तक रूस-युक्रेन युद्ध (जिसमें 1.3 मिलियन से अधिक जनहानि) 07 अक्टूबर 2023 से इजराइल -हमास युद्ध, (जिसमें 10 अक्टूबर 2025 तक 68,000 फिलस्तीनी व 1,900 इजराइली मारे गए हैं) इसके प्रमाण हैं।
लगता यही है कि इसी दृश्य पटल के अंतर्गत लगातार अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर झड़प व यूरोप एशिया के दो फाड़ होने के संकेत कहीं न कहीं साधू व संत समाज को विचलित किये हुए हैं, तभी तो निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 कैलाशानंद गिरी जी की अगुवाई में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सचिव महंत हरि गिरि जी ने केदारनाथ धाम में महादेव का विशेष महाभिषेक किया है।
इस अभिषेक के संदर्भ में आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी के अनुसार कपाट बंद होने से पूर्व का ये विशेष महाभिषेक भारत को किसी भी संकट से बचाने व सनातन अनुयाइयों में उर्जा उत्सर्जन के लिए किया गया है। महादेव की शक्ति सृजन, पालन और संहार की ब्रह्मांडीय शक्ति है, महादेव को “काल के काल” या महाकाल भी कहा जाता है। यह माना जाता है कि जो महादेव की शरण में आता है , उसे किसी भी अन्य नकारात्मक शक्ति से डरने की आवश्यकता नहीं है। उनकी शक्ति ब्रह्मांड को नियंत्रित करती है , आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी के अनुसार महादेव अपने भक्तों के प्रति अत्यंत दयालु हैं और उनकी पूर्ण रुप से रक्षा करते हैं ।
ज्ञात हो कि निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 कैलाशानंद गिरी जी का जीवन सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, योग और वेदांत के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। वे हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषाओं के प्रखर लेखक भी हैं, जिन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं जो प्राचीन वैदिक परंपराओं पर आधारित हैं। वे लाखों सन्यासियों के आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं और कुंभ महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। वे राम मंदिर आंदोलन और अन्य धार्मिक मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं।