Friday, November 22, 2024
Homeउत्तराखंडलैंसडौन: महंत दलीप और डॉ हरक के द्वंद का फैसला करेगी लैंसडौन...

लैंसडौन: महंत दलीप और डॉ हरक के द्वंद का फैसला करेगी लैंसडौन की जनता।

(लैंसडौन विधान सभा पर वरिष्ठ पत्रकार अजय रावत ‘अजेय’ का कलमी आंकलन)।


चुनाव से ठीक पूर्व लैंसडौन के निवर्तमान विधायक व भाजपा प्रत्याशी दलीप रावत महंत ने डॉ हरक सिंह पर जुबानी से लेकर लेटर वार छेड़ डाला था, इत्तेफाक से उस समय छेड़ी गयी यह लड़ाई अनुकृति के बहाने गढ़ वीरों की धरती लैंसडौन में आमने सामने की जंग में तब्दील हो गयी है।
इस जंग का नतीजा एक तरफ महंत के आरोपों की पुष्टि करेगा वहीं इसका परिणाम हरक सिंह की भविष्य की राजनीति की बुनियाद भी बनेगा। यदि अनुकृति विजयी होती हैं तो महंत हाशिये पर होंगे, और यदि महंत अपना मठ बचाने में कामियाब होते हैं तो शायद कांग्रेस में हरक को अपनी हनक दिखाने का मनोबल पूरी तरह टूट जाएगा।
बहरहाल, लैंसडौन के सूरत-ए-हाल दोनों तरफ के समर्थकों की सांसे थामे हुए है। हालांकि शुरू में जब दीपक भंडारी, ज्योति रौतेला व रघुवीर बिष्ट सहित 12 दावेदारों को दरकिनार कर जब कांग्रेस द्वारा अनुकृति को टिकट थमाया गया तो लगता था अब कांग्रेस के अंतर्द्वंद्व की परिणिति महंत की आसान जीत के साथ होगी। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से लैंसडौन ऐसी सीट रही जहां एक भी वंचित दावेदार द्वारा सिंबॉलिक रूप से ही सही नामांकन तक नहीं किया गया।
हरक सिंह अथवा अनिकृति का महंत से भी अधिक तीक्ष्ण विरोध करने वाले दीपक भंडारी व रघुवीर बिष्ट का सार्वजनिक रूप से खामोशी ओढ़ लेना कई सवाल छोड़ गया है। क्या नेता द्वय कांग्रेस का सिपाही होने के नाते पार्टी प्रत्याशी के लिए कार्य कर रहे हैं या फिर आंतरिक रूप से उनकी निराशा कांग्रेस को बड़ा नुकसान पंहुचाने जा रही है। सतही तौर पर चुनाव प्रचार अभियान को देखा जाए तो यहां 50-50 के हालात बने हुए हैं किंतु यदि अंडर करंट में कहीं वंचित दावेदारों की निराशा महंत के लिए लगातार तीसरी मर्तबा गद्दीनशीं होने की राह आसान तो नहीं कर रही..? हालांकि यदि यहां कांग्रेस शिकस्त खाती है तो इसका ठीकरा भी पार्टी इन वंचित दावेदारों के सर ही फोड़ेगी।
उधर दूसरी ओर डॉ हरक भी हर हाल अपनी पुत्रबधू के बहाने उत्तराखंड ही नहीं कांग्रेस की सियासत में भी अपने वजूद को बचाने की की शायद आखिरी जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में यह तय है उनकी लड़ाई में भी कोई कमी नहीं होगी। अब फैसला जनता के हाथों में है।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES