Saturday, December 21, 2024
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दिन में एक बार भी बालों में कंघी न करने का जानें नुकसान, जानें दिन में कितनी बार करनी चाहिए कंघी

सुंदर और मोटे बाल हर किसी की इच्छा होती है. लेकिन इसके लिए बालों की देखभाल भी बहुत जरूरी है। अगर आप अपने बालों को मजबूत, घना और स्वस्थ रखना चाहते हैं तो केवल शैम्पू और कंडीशनर करने से काम नहीं चलेगा। बालों से जुड़ी हर छोटी बातों पर आपको ध्यान देना जरूरी है। जैसे बालों में कंघी करना. क्या आप जानते हैं कि दिन में एक बार भी बालों में कंघी न करने से बालों को  नुकसान पहुंच सकता है।आइए जानते हैं दिन में कितनी बार बालों में कंघी करनी चाहिए ताकि बालों की सुंदरता बनी रहे।

बालों में दिन में कितनी बार कंघी करनी चाहिए जानें
बालों को स्वस्थ्य और अच्छा बनाए रखने के लिए कंघी करना जरूरी है. कंघी से बालों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, बाल मजबूत होते हैं और उलझन नहीं होती। यह बालों की चमक भी बढ़ाता है। दिन में कितनी बार बालों में कंघी करनी चाहिए, यह एक आम सवाल है। बालों को स्वस्थ रखने के लिए कम से कम दिन में दो बार कंघी जरूरी है। एक बार सुबह उठने पर और एक बार रात को सोने से पहले कंघी करनी चाहिए। इसके अलावा, बालों की लंबाई और जरूरत के हिसाब से आप दिन में अन्य समय पर भी कंघी कर सकते हैं। लंबे बाल जल्दी उलझ जाते हैं इसलिए इससे बचने के लिए दिन में कम से कम 3 बार कंघी करनी चाहिए। इससे बालों का टूटना और कमजोर होना रुक जाता है।

बालों में कंघी के फायदे

कंघी करने से बालों की उलझनें दूर होती हैं और बाल सुंदर दिखते हैं।

यह बालों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।

कंघी से बालों की मृत त्वचा हटती है और नए बाल आने का रास्ता साफ होता है।

यह बालों में प्राकृतिक तेल का संचार करता है जिससे बाल चमकदार और मजबूत बनते हैं।

कंघी करने से बालों में जमा धूल-मिट्टी और अन्य गंदगी निकल जाती है।

यह स्कैल्प की सफाई करता है और रोगाणुओं से बचाता है।

नियमित कंघी से बाल झडऩा कम होता है और तेजी के बाल बढ़ता है।

कंघी से बालों में वॉल्यूम आता है और बाल घने दिखते हैं।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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