(अरुण कुकसाल की कलम से)
बस कुछ ही दिनों बाद दूर से ही द्वारीखाल विकासखंड की इमारत वैसे ही शानदार दिखेगी, जैसे कि कल्जीखाल का प्रथम दर्शन कराती खूबसूरत एवं चमचमाती इमारत विकासखंड मुख्यालय, कल्जीखाल की है।
उत्तराखंड से लेकर देश के अन्य राज्यों में विकास खंड स्तर पर संपूर्ण आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित ये बिल्डिंग बतौर अचरज और प्रशसंनीय चर्चा का विषय बने है।
देश भर में लोकसेवकों के लिए नज़ीर बनी इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों के परिणामस्वरूप ग्राम्य विकास विभाग, भारत सरकार के संयोजन में राष्ट्रीय स्तर पर ग्राम पंचायतों में मूलभूत सुविधाओं एवं उनके बेहतर संचालन के दृष्टिगत प्रति वर्ष प्रदत ‘अखिल भारतीय पं. दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार'(प्रशस्ति प्रत्र एवं ₹ 25 लाख) वर्ष- 2016 और 2017 में पौड़ी गढ़वाल के विकास खंड, कल्जीखाल और वर्ष-2020 में विकास खंड, द्वारीखाल को दिया गया है।
उक्त शानदार उपलब्धियों के प्रेणेता और अग्रज पूर्व ब्लाक प्रमुख कल्जीखाल, वर्तमान में लोकप्रिय ‘ब्लाक प्रमुख, द्वारीखाल’ और अध्यक्ष, ‘उत्तराखंड ब्लाक प्रमुख संगठन’ महेन्द्र सिंह राणा को है।
द्वारीखाल इलाके के कई गांवों में पिछले तीन दिनों से (15-17 नवम्बर) घूमते हुए और लोगों से बात करते हुए यह महसूस होता रहा कि यदि मन-मस्तिष्क में दृड-संकल्प और दूर-दृष्टि जीवंत हो तो समाज में सकारात्मक पहल अपना भव्य साकार रूप ले ही लेती है।
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, यशस्वी राजनेता, कर्मठ कर्मयोगी, स्नेही मित्र, प्रिय अनुज महेन्द्र सिंह राणा से द्वारीखाल भ्रमण के दौरान हुई मुलाकात ने उक्त उक्ति को प्रमाणित किया है।