देहरादून (हि. डिस्कवर)
आजकल में कुछ खबरें विभिन्न समाचारों के माध्यम से सोशल मीडिया तैर रही हैं जिसमें दिल्ली की किसी पत्रिका को करोड़ों के विज्ञापन जारी किये जाने के साथ साथ यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि महानिदेशक अपने नजदीकी कुछ ख़ास पत्रकारों को लाखों करोड़ों के विज्ञापनों की बंदरबाँट कर रहे हैं।
सूत्र यह भी कह रहे हैं कि विभाग में उच्च पदस्थ अधिकारी अपने पूर्वाँचल व लखनऊ के नजदीकी पत्रकारों व लखनऊ के पत्रकारों पर ज्यादा मेहरबान रहे हैं व प्रदेश के पत्रकारों की उपेक्षा कर रहे हैं। इस संबंध में महानिदेशक सूचना से जानकारी प्राप्त करने से विधित हुआ है कि जब से उन्होंने (सितंबर 2022 से) पदभार संभाला है, तब से अब तक उनके माध्यम से कोई भी विज्ञापन दिल्ली की उस पत्रिका “खबर मानक” को नहीं दिया गया है जिसके सम्पादक जनार्दन कुमार व प्रधान सम्पादक अर्चना राजहंस हैं।
जहाँ तक महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने विज्ञापन जारी करते हुए प्रदेश के पत्रकारों की उपेक्षा की है, तो यह कहना अनुचित होगा क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट व सोशल मीडिया में हर पत्रकार व उसके समाचार पत्र को छोटा बड़ा विज्ञापन लगातार जारी होता आ रहा है। एक आध इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समाचार चैनल को दरकिनार कर दिया जाय तो मुझे नहीं लगता कि किसी भी न्यूज़ पेपर, न्यूज़ चैनल (भले ही वह आजकल यूट्यूब में दिख रहे हों) व सोशल मीडिया विज्ञापन न मिला हो। सोशल मीडिया में जुड़े ज्यादात्तर उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों से जुड़े पत्रकार हैं जिन्हें बराबर समान रूप से विज्ञापन दिए जा रहे हैं।
सूत्र कहते हैं कि स्पेशल विज्ञापन सबको नहीं मिलते तो हमारा मानना है कि यह विभागीय स्क्रूटिनी का बिषय होता है कि वे किसे उपयुक्त माने कि जिन्हें स्पेशल विज्ञापन की श्रेणी में रखा जाय। स्वाभाविक तौर पर देखा जाय तो यहाँ विभागीय टीम ने अब तक जितने भी स्पेशल विज्ञापन जारी किये हैं, वह उन न्यूज़ पोर्टल्स को किये हैं जिन्होंने प्रदेश की विकास योजनाओं को साकारात्मक तरीके से अपने फीचर लेखों के माध्यम से देश व प्रदेश के समक्ष रखा है।लखनऊ के पत्रकार पांडे के प्रकरण को अगर हम दूसरे तरीके से सोचें तो उनको मिलने वाले विज्ञापन में कहीं न कहीं वह हमदर्दी एक अधिकारी को पत्रकार के प्रति दिखती है, जो कैंसर पीड़ित था, व अब स्वर्ग सिधार गया है।
हमारा मानना है कि यह महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी की कार्यकुशलता ही है कि उन्होंने मीडिया समन्यक के रूप में बेहतर कार्य किया व प्रशासनिक क्षमताओं के चलते देश के आगे विकास कार्यों के मीडिया के तीनों प्लेटफार्म पर बेहद खूबसूरत ढंग से रखा है।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी के कार्यकाल में तीन मूल्यवान योजनाएं पत्रकारों के हित में बनाई गई हैं। जिनमें पत्रकार कल्याण कोष में 05 करोड़ की जगह 10 करोड़ की वृद्धि, ग्रुप इन्स्योरेंस व स्वतंत्र पत्रकार, राज्य पत्रकार, जिला पत्रकार के बाद अब तहसील स्तर पर तहसील पत्रकार भी मान्यता श्रेणी में रखे जाने को मान्यता दी गई है।
हमें लगता है कि यह हमारा दायित्व होना चाहिए कि अगर मीडियाकर्मी विज्ञापन ले रहे हैं तो उनमें यह सब लिखने की क्षमता अवश्य होनी चाहिए कि सरकारी सिस्टम में क़्या गलत है और क़्या सही। यह दुर्भाग्य कि बात है कि हम उस विज्ञापन को जो 13 जनवरी 2022 में जारी हुआ व जिसकी विज्ञापन राशि रूपये 71,99,992.80 है कि प्रति जारी कर इसे करोड़ों में जोड़ दें। और वर्तमान में महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को टारगेट करें जो कि उनके कार्यकाल में जारी हुआ ही नहीं क्योंकि उन्होंने सितंबर 2022 में सूचना महानिदेशक का पद भार ग्रहण किया है जबकि यह विज्ञापन जनवरी 2022 में जारी किया गया था।