टिहरी गढ़वाल 16 फरवरी 2021 (हि. डिस्कवर)।
क्या हम नहीं चाहते कि जो कहानियां आपको आपके दादा-दादी, नाना-नानी अक्सर फुर्सत के पलों में सुनाया करते थे, उन कहानियों का पीछा करते हुए आप अपनी विरासत के अनमोल लम्हों को अपनी खुली आँखों के सामने देखें, महसूस करें उनके साथ सेल्फी लें और मित्रों के साथ यादें ताजा करने के लिए फोटोग्राफ्स संजोए व उन्हीं विरासत को आगे चलकर आप अपने नौनिहालों को बांटे। क्या हम नहीं चाहते कि हम एडवेंचर टूरिज्म में हैरिटेज टूरिज्म को शामिल कर जब समूह के साथ किसी ट्रैकिंग पर हों, किसी शहर गांव, ग्रामीण समाज, व कैम्प में पहुंचे तो वहां की समस्त जानकारियां क्लिक करते ही आपके दिमाग में उमड़ घुमड़ पड़े व उन्हें हम अपने शब्दों में ढालकर आगे पहुँचाये।
कुछ इसी तरह के नए तरीकों के साथ आपको देश दुनिया की सैर कराने को आमादा इंडिया सिटी वॉक (आईसीडब्लू) ने उत्तराखंड पर्यटन विकास व केंद्रीय पर्यटन विभाग से तारमत्म्य बैठाकर इसे मूर्त रूप देना शुरु कर दिया है। क्योंकि हैरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अब पर्यटन विभाग पर्यटन के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर सिर्फ पोर्टर ही को रोजगार नहीं देगा बल्कि स्टोरी टेलर के रूप में हैरीटेज स्टोरीज के माध्यम से नए रोजगार की संभावनाओं को प्रबलता से आगे बढ़ा रहा है।
(श्रीमती पूनम चंद एडिशनल डायरेक्टर पर्यटन)
पर्यटन विभाग की एडीशनल डायरेक्टर पूनम चन्द ने टिहरी लेक फेस्टिवल के मंच से यह जानकारी देते हुए कहा है कि प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मस्व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज व सचिव पर्यटन दलीप जवालकर ने ऐसे बिषय पर विशेष रुचि दिखाई है व बसन्त पंचमी के सुअवसर पर टिहरी लेक फेस्टिवल में इसका श्रीगणेश करके इनबाउंड टूरिज्म (ग्रामीण पर्यटन) को एडवेंचर टूरिज्म (साहसिक पर्यटन) हैरिटेज टूरिज्म (विरासत पर्यटन) से जोड़कर इसमें युवाओं को नए रोजगार के अवसर मुहैया कराने का माध्यम तलाशा है। उन्होंने कहा यूँ तो उत्तराखण्ड में हर तरह का पर्यटक आता है लेकिन उसे उन क्षेत्रों के इतिहास, वहां की विरासतों, वहां के खान पान लोकसमाज व लोकसंस्कृति का अध्ययन करने का मौका नहीं मिलता ऐसे में एक कहानी वाचक (स्टोरी टेलर) की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है जो अपने हैरीटेज का ज्ञान रखता हो।
(निधि बंसल सीईओ आईसीडब्लू)
वहीं इंडिया सिटी वॉक की सीईओ निधि बंसल कहती हैं कि उनके पास यूँ तो ऐसे कई अनुभव हैं व उनकी टीम हमेशा ही स्टोरी टेलर के रूप में पर्यटन प्रमोशन के नए आयाम छू रही है लेकिन उन्हें बेहद खुशी है कि उत्तराखंड में आकर उन्हें हर एक पर्यटक, व्यक्ति व स्टूडेंट्स के अंदर उत्तराखण्ड के हर हिस्से के बारे में जानने की बेहद उत्सुकता है। उनका कार्य भी इसी सब से जुड़ा है इसलिए उन्होंने युवाओं व छात्र-छात्राओं की लगभग 60 सदस्यों की टीम के साथ टिहरी लेक फेस्टिवल में हैरीटेज वॉक का आयोजन करवाया। इस हैरीटेज वॉक के दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड के वरिष्ठ पत्रकार, ट्रेवलर व स्टोरी टेलर मनोज इष्टवाल, डॉ सौमी रॉय व शिवांग थपलियाल के साथ अपने अनुभव साझा किए व उनसे टिहरी गढ़वाल के इतिहास, भूगोल, विरासत, किस्सागोई, लोक समाज व लोक संस्कृति, खानपान इत्यादि के बारे बहुत सी जानकारियां प्राप्त की , जो उन्हें स्टोरी टेलर के रूप में बहुत सरलता व सरसता से समझाई गयी।
उन्होंने बताया कि इंडिया सिटी वॉक ने उत्तराखंड पर्यटन के साथ साझेदारी निभाते हुए यह हैरीटेज वॉक शुरू की है जिसमे पहले दिन 60 भागीदार जुड़े। हमने उन्हें पूर्व में जूम पर सेशन के माध्यम से स्टोरीज़ दी थी। पहले ही आज practical वॉक का example दिया। फिर उनके कॉलेज में sesssion किया और आज practical किया है। जिस पर सभी ने बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। उनका मानना है कि ये प्रतिभागी अब इसी हैरीटेज वॉक को आगे ले जाने के लिए स्टोरी टेलर की भूमिका में दिखेंगे और यह चेन यूँहीं आगे बढ़ती जाएगी।
(मनोज इष्टवाल स्टोरी टेलर)
ज्ञात हो कि टिहरी लेक फेस्टिवल के मंच से आज पर्यटन विभाग के सौजन्य से वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल द्वारा दर्शकों व प्रतिभागियों को टिहरी के इतिहास, कुसुमा कोलिण-कृष्ण भगवान के यमुना व टिहरी से जुड़े सन्दर्भ, उप्पू गढ के कफ्फु चौहान व उत्तराखण्डी लोक संस्कृति में ब्याप्त लोकनृत्य, लोकगीत व खानपान से जुड़ी कहानियों का सार प्रस्तुत किया गया। वहीं डॉ सौमी रॉय ने “काफल पाको, मिन नि चाखो” व “राणी कर्णावती” की किस्सागोई सुनाई जबकि शिवांग थपलियाल ने टिहरी में प्रचलित चार दिवाली में एक अपनी दादी द्वारा “इगास” पर्व पर भीम से जुड़ी कहानी को उदगारित किया।