◆ कैबिनेट फैसले में 15 नम्बर पर अंकित है कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए वर्तमान वित्तीय बर्ष में 05 करोड़ की मंजूरी।
देहरादून (हि. डिस्कवर)
कांग्रेस के पटाक्षेप के बाद अब डॉ हरक सिंह रावत ने भाजपा में फोड़ा बम। आखिर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की बात सच साबित होती नजर आ रही है, जो कह रहे थे कि भाजपा के चार बड़े नेता उनके सम्पर्क में हैं। उधर चर्चा यह है कि कांग्रेस आलाकमान से जो आस लगाए मुख्यमंत्री हरीश रावत बैठे थे उस पर फैसला उनके मन मुताबिक फैसला नहीं हुआ है। वहीं अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि शायद प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को आलाकमान बदल दे।
फिलहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आखिरी कैबिनेट में भी कोटद्वार मेडिकल कॉलेज मामले पर मुहर न लगने पर तमतमाये कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत कैबिनेट बैठक छोड़ कर बाहर निकल आये व उन्होंने मौखिक रूप से अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
अब अगर डॉ हरक सिंह रावत मेडिकल कॉलेज की मंजूरी न मिलना का राग अलाप रहे हैं तो फिर कैबिनेट फैसले में वर्तमान वित्तीय बर्ष में मेडिकल कॉलेज के लिए 05 करोड़ की मंजूरी का फैसला जो लिया गया है क्या डॉ हरक सिंह रावत उसे नाकाफी मानते हैं या फिर मेडिकल कॉलेज की आड़ लेकर भाजपा से कुछ और ख्वाहिश पाले हुए हैं।
उधर यह खबर प्रकाश में आते ही बहुत दिनों से भाजपा के प्रदेश नेतृत्व से नाराज चल रहे विधायक उमेश शर्मा ‘काहू’ ने भी भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा की है। अब देखना यह है कि क्या पार्टी डॉ हरक सिंह रावत को मना लिया जाता है या फिर विधायक उमेश शर्मा ‘काहू’ का इस्तीफा स्वीकार किया या नहीं यह आने वाले कल में तस्वीर साफ हो पाएगी।
जहां एक ओर कांग्रेस यह प्रचार कर रही है कि एक हफ्ते के अंदर बहुत से भाजपाई नेता कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। वहीँ दूसरी ओर भाजपा इस बात का खंडन कर रही है कि डॉ हरक सिंह रावत ने मंत्रिमंडल से कोई लिखित इस्तीफा नहीं दिया है। फिलहाल डॉ हरक सिंह रावत का फोन स्विच ऑफ चल रहा है व उनके डिफेंस कॉलोनी आवास में भी कोई बिशेष चहल पहल नहीं दिखाई दे रही है।