Friday, May 9, 2025
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धामी सरकार के बजट में महिला कल्याण के साथ ही सशक्तीकरण पर भी विशेष जोर, गर्भवती महिलाओं को कराए जाएंगे अंडे और केले उपलब्ध

देहरादून। धामी सरकार के बजट में महिला कल्याण के साथ सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया गया है। इसे लेकर सरकार ने ‘पोषण, शिक्षण और प्रशिक्षण’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को पोषण देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत प्रविधान किया है। इसके साथ ही बालिकाओं को शिक्षित बनाने के बाद प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाएगा

सरकार ने कोशिश की है कि प्रदेश को लैंगिक असमानता से मुक्ति मिले और प्रदेश की महिलाएं स्वस्थ, शिक्षित और सशक्त हों। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 30 प्रतिशत महिला आरक्षण को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अलावा महिला एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिका का मानदेय बढ़ाकर सरकार की ओर से उन्हें प्रोत्साहित किया गया है।

प्रदेश की बालिकाओं को समुचित शिक्षा देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बालिका छात्रवृति समेत विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। नंदा गौरा योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर और 12वीं कक्षा के बाद दी जा रही सहायता राशि भी बालिकाओं की शिक्षा एवं बेहतर भविष्य में काफी मददगार साबित हो रही है। बालिकाओं को शिक्षा प्रोत्साहन के लिए साइकिल देने की भी बजट में व्यवस्था की गई है।

विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को प्रदेश सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जाता है। इसके तहत वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार देने के लिए सरकार की ओर से इस बार भी बजट में प्रविधान किया गया है। उधर, कामकाजी महिलाओं के लिए भी सरकार की ओर से हरिद्वार, देहरादून और उत्तरकाशी में बालिका छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। यही नहीं, पहाड़ की महिला किसानों के श्रम को कम करने के लिए सरकार ने बजट में कृषि यंत्रीकरण पर जोर दिया है। गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ बाल कल्याण का भी बजट में ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले तीन से छह वर्ष के बच्चों को सप्ताह में चार दिन दूध उपलब्ध कराने के लिए बजट में प्रविधान किया गया है। इससे बाल कुपोषण से मुक्ति में काफी मदद मिलेगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के तहत बच्चों को दो दिन अंडा और दो दिन केला चिप्स उपलब्ध कराया जा रहा है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभकारी है। वहीं मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत गर्भवती व धात्री महिलाओं को सप्ताह में दो दिन अंडा एवं खजूर देकर महिला स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।

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