●मानव और वन्यजीवों के बीच बढे संघर्ष को कम करने के लिये बीज वर्षा के ट्रायल शुरू किये।
●बीज बम अभियान से जुड़ा पौड़ी का जिला प्रशासन।
पौड़ी (हि. डिस्कवर)
यह सचमुच नया और अनूठा प्रयोग है। कभी आसमान से सीता स्वयम्बर में पुष्प बर्षा का जिक्र सुना था लेकिन अब पौड़ी के जिलाधिकारी धिराज गर्ब्याल की पहल पर एक अनूठा प्रयोग वन्य जीवों को सड़क मार्ग पर आने से रोकने के लिए किया गया है। पैरामोटर्स से पहली बार पौड़ी जनपद के कई वन्य स्थानों पर बीज बम बरसाए जाएंगे जिनमें फलदार वृक्षों के अलावा सब्जियों के विभिन्न बीज भी शामिल किए गए हैं।
यह सचमुच अपने आप में एक अनूठा प्रयोग कहा जा सकता है क्योंकि अब आसमान से फूल बर्षा की जगह बीज बम बरसेंगे। हो सकता है कि उत्तराखंड की धरा पर जन्म लेने वाले सुप्रसिद्ध कवि सुमित्रानन्दन पंत की यह रचना इसी दिन के लिए लिखी गयी हो:-
मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे, सोचा था, पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे ।
बंजर धरती को अंकुरित करने की यह पहल उत्तरकाशी जिले की एक अध्यापिका सावित्री उनियाल ने सर्व प्रथम अपने छात्र-छात्राओं के साथ बीज बम बनाकर साझा की थी आज इस मुहिम को पंख लगे और ये बीज बम आसमान से धरती पर आ गिरे।
इस प्रयोग की मुख्य वजह जानवरों के भविष्य को सुरक्षित रखा बताई जा रही है क्योंकि वर्तमान में मुख्य सड़क मार्ग पर भोजन तलाश की अपेक्षा में बन्दर व अन्य जीव जंतु के आने से दुर्घटना के कारण बेजुबान जानवरो को जान से हाथ धोना पड़ता है। वहीं वन्य सुअरों व भालुओं का ग्रामीण खेती को लगातार नुकसान पहुंचाने से बचाव के लिए यह युक्ति अपनाई जा रही है। कई कारण से वनों में वन्यजीवों के आहार मे कमी आई है जिसके परिणाम स्वरुप वन्यजीव जंगलों को छोड़, शहर की ओर रुख करने पर मजबूर हैं।
वनो मे आहार के काम आने वाले सब्जी व फलदार वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए ही हिमालयन ऐरोस्पोर्ट्स एसोसिएशन (हासा), जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल और हिमालयन पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान (जाड़ी) के बीज बम अभियान में हवा से बीज बम गिराकर अपनी भागीदारी पर्यावरण के लिए सुनिश्चित की है।
वहीं पौड़ी जिले के अलावा हासा के पैरामोटर पायलट विनय सिंह व हर्ष सचान ने आशारोड़ी व मोहंड के बीच सड़क मार्ग से आधा किलोमीटर अंदर जंगल में बीज बम गिराकर शुभांग रतूड़ी (अध्यक्ष हासा) व मनीष जोशी (उपाध्यक्ष हास) ने दोनों पायलट्स को आवश्यक ग्राउंड सपोर्ट प्रदान की।
विधित हो कि इनमें से उपयोग हो रही 1 पैरा मोटर पौड़ी जनपद की है, और इसे प्रथम बार जिलाधिकारी धिराज गर्ब्याल के सुझाव और सहमति से बीज बम अभियान हेतु इस्तेमाल किया जा रहा है।
आगामी वर्षों में पौड़ी में इस्तेमाल की जाने वाली फ़्लाइंग मशीनों और पैरा ग्लाइडरों के जरिये सतपुली, कोट्द्वार, व पौड़ी क्षेत्र के जंगली व उजाड इलाकों में हवा से “बीज वर्षा” की जाने की योजना की जाने की उम्मीद की जा रही है।
जाड़ी के संस्थापक व बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका सेमवाल जी के अथक परिश्रम व अनुभव से इन बीज बमों को तैयार किया गया जो हवा से गिराने के लिए उपयुक्त थे। साथ ही उन्होनें कहा की हासा का इस मुहिम मे जुड़ने से पर्यटक लोग भी बीज बम अभियान से जुडेगे । यह भी ध्यान रखा गया की फलों के साथ सब्जियों के भी बीज बम आवश्यक मात्रा में मिश्रित किये जाये ताकि इस वर्ष भी जीव जंतुओं को भोजन उपलब्ध हो सके। जॉय राइड्स में पर्यटकों को बीज के पैकेट्स दिए जाना सुनिश्चित किया गया है जिस से हर पर्यटक जो सतपुली ऐरोस्पोर्ट्स के अनुभव के लिए आते हैं वो भी कुछ बीज बम अपनी हवाई यात्रा के दौरान गिराकर इस अभियान में अपना योगदान देंगे। बहरहाल आने वाले दिनों में इन्हीं बीज बमों के साथ ये दोनों पायलट पौड़ी के विभिन्न क्षेत्रों में अपने अपने पैरामोटर्स से बीज बम गिरायेंगे।