देहरादून। वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत का भुट्टा खाएंगे, कांग्रेस को लाएंगे नारा तेजी से वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया में इस नारे पर तमाम यूर्जस अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंडियत के अपने अभियान को जारी रखते हुए राजीव भवन में भुट्टा-जलेबी पार्टी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्त्ताओं का नारा है भुट्टा खाएंगे, कांग्रेस को लाएंगे। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वोकल फार लोकल का नारा देते हैं, लेकिन वह वह पहले से ही स्थानीय उत्पादों और उत्तराखंडियत को लेकर संघर्षरत हैं। सोमवार शाम एकाएक बुलाई गई इस पार्टी में पार्टी कार्यकर्त्ता तो दिखाई दिए, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत दिग्गज नेताओं की उपस्थिति नहीं रही।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर उन्होंने भाजपा को घेरा। हरीश रावत ने कहा कि मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद जिस प्रकार भाजपा के अंदर ही मिठाइयां बांटी गई हैं, वह कष्टदायक है। हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कौशिक परिश्रमी नेता हैं। जब वह मुख्यमंत्री थे तो उनकी सरकार को कौशिक पंजों के बल खड़ा रखते थे। हरिद्वार में भी उन्हें लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नाकों चने चबाने पड़े थे। भाजपा संभवत उन्हें अधिक दिनों तक दरकिनार नहीं रख पाएगी। भाजपा को कहना चाहिए था कि कौशिक ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अच्छा काम किया, लेकिन वहां कुछ लोग मिठाइयां बांट रहे थे। इससे भाजपा का नया चरित्र सामने आया है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का युवा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भाजपा के नए अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर भारी पड़ेगा।
सोनिया गांधी और संजय राउत पर ईडी के शिकंजे के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार पर जब भी प्रश्न उठाए जाएंगे, भाजपा ईडी और सीबीआइ को आगे कर विपक्ष की आवाज दबाती रहेगी। इन संस्थाओं का दुरुपयोग रोकने और लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास पर उनका छह अगस्त को प्रस्तावित उपवास अब सात अगस्त को होगा। पांच अगस्त को कांग्रेस का प्रधानमंत्री आवास घेरने का कार्यक्रम है। इस कारण उन्हें दिल्ली में रहना पड़़ेगा।