Tuesday, October 8, 2024
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सरकार ने असुरक्षित भवनों को रेट्रोफिटिंग के माध्यम से सुरक्षित करने का लिया फैसला

देहरादून। जोशीमठ आपदा को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में जोखिम संभावित भवनों की तलाश शुरू करने का फैसला किया है। ऐसे असुरक्षित भवन यदि रेट्रोफिटिंग के माध्यम से भी सुरक्षित नहीं होंगे, तो उन्हें ढहा दिया जाएगा। असुरक्षित भवनों की चिन्हित करने और रेट्रोफिटिंग की कार्रवाई के लिए शासन ने सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ और तकनीकी समिति का गठन कर दिया है। इस संबंध में आवास विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि जोशीमठ नगर क्षेत्र भू-धंसाव के कारण भवनों में दरारें आ गई हैं। तीखे ढलान पर बसे इस नगर में कई आवासीय और व्यावासयिक भवन जोखिम की दृष्टि बेहद संवेदनशील हैं। विशेषज्ञों के सुझाव पर सरकार जोशीमठ में असुरक्षित और संवेदनशील भवनों के रेट्रोफिटिंग का फैसला पहले ले चुकी है।

इसके लिए निविदा तक हो चुकी है। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में असुरक्षित भवनों के चिह्निकरण का काम शुरू किया है। यह कार्य डीएम की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी करेगी। आवास विभाग ने समिति के गठन को लेकर आदेश जारी कर दिया है। राज्य के प्रत्येक जिले में डीएम की अध्यक्षता गठित समिति कुल छह सदस्य हैं। इनमें एमडीडीए व हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व सचिव, सभी जिला विकास प्राधिकरण से संबंधित क्षेत्र उप जिलाधिकारी, लोनिवि, सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता, संबंधित जिले में भू तत्व व खनिकर्म विभाग के सहायक भू-वैज्ञानिक व नगरी स्थानीय निकाय के नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी समिति के सदस्य बनाए गए हैं।

ऐसे असुरक्षित भवनों का होगा चिह्निकरण

-राज्य में प्राकृतिक आपदाओं मसलन भूकंप, हिमस्खलन, भूस्खलन, भू-धंसाव, अतिवृष्टि व बाढ़ की दृष्टिगत आपदा को कम करने के लिए वर्तमान में बने ऐसे भवनों की पहचान करेगी, जो जोखिम संभावित की श्रेणी में आते हैं।

-समिति ऐसे भवनों की पहचान करेगी जो 30 डिग्री से अधिक ढाल पर बनाए गए हैं या फ्लड जोन में बने हैं

-ऐसे भवन भी जो हिमस्खलन या भूस्खल प्रभावित या संभावित क्षेत्र में बने हैं

-15 मीटर ऊंचे ऐसे भवन जो ढांचागत रूप से असुरक्षित हैं

-भूकंपीय फाल्ट लाइन से 30 मीटर की दूरी में बने भवन या किन्हीं कारणों से असुरक्षित भवन
समिति ये कार्रवाई करेगी

1. असुरक्षित भवनों का चिह्निकरण के साथ ही समिति भवन स्वामी को रेट्रोफिटिंग के जरिये भवन को सुरक्षित बनाने के सुझाव देगी और इसका अनुपालन सुनिश्चित कराएगी।

2. जिन भवनों को रेट्रोफिटिंग के जरिये सुरक्षित नहीं किया जा सकता है उनको, विद्यमान नियमों के तहत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगी।

3. इस कार्य के लिए विषय विशेषज्ञों को समिति में सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जा सकेगा।

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