Tuesday, December 24, 2024
Homeउत्तराखंडपूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने की विधानसभा में हुई भर्ती मामले की...

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने की विधानसभा में हुई भर्ती मामले की जांच की मांग

देहरादून। उत्तराखंड की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है। बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड विधानसभा में हुई चहेतों की भर्ती मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी जांच की मांग कर दी है। जिसकी वजह से त्रिवेंद्र रावत और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल आमने सामने आ गए हैं। उत्तराखंड विधानसभा में मंत्रियों के पीआरओ और रिश्तेदारों को नौकरी देने के मामले में अब भाजपा के ही दो दिग्गज नेता आमने सामने आ गए हैं।

एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं, जो विधानसभा भर्ती में हुए भाई भतीजावाद पर जांच करवाने की मांग कर रहे हैं। वही, दूसरी तरफ भर्ती करवाने वाले तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और धामी सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल इस मामले को सही कहने से पीछे नहीं हट रहे। बता दें कि विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है। मुख्यमंत्री के ओएसडी से लेकर पीआरओ तक की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं। यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है। मदन कौशिक के एक पीआरओ ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई। वहीं, बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ की भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए। इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी को भी विधानसभा में नौकरी मिली है। मामला इतना ही नहीं है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किया गया है। इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है।

त्रिवेंद्र रावत ने कहा विधानसभा में हुई भर्तियों में इस तरह की गड़बड़ियां है तो, इसकी जांच होनी चाहिए और बेरोजगार युवाओं को न्याय मिलना चाहिए। विधानसभा में बेरोजगारों की नौकरियों पर वीआईपी का कब्जा करने पर जहां एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुले रूप से बयान दे रहे हैं। वही उनका इस तरह भर्ती में भाई भतीजावाद के खिलाफ बोलना उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और उस समय इस भर्ती को करवाने वाले प्रेमचंद्र अग्रवाल को पसंद नहीं आ रहा है।

पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बयान दिया था उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में भर्ती के लिए परीक्षा कराने का फैसला किया था, लेकिन उनके हटने के बाद भर्ती करा दी गई। इस पर प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा त्रिवेंद्र सिंह रावत को यह पता होना चाहिए कि अध्यक्ष रहते हुए, उन्होंने भी भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली थी और परीक्षा करवाई है। ऐसे में इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। प्रदेश में नौकरियों पर मंत्रियों के रिश्तेदार और उनके करीबियों का काबिज होना वाकई चौंकाने वाला है। बड़ी बात यह है कि इस मामले ने भाजपा के दो दिग्गजों को आमने सामने ला दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने भाई भतीजावाद की खिलाफत शुरू कर दी है तो, प्रेमचंद अग्रवाल इस भाई भतीजावाद को न्याय संगत बता रहे हैं।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES