चमोली गढ़वाल (हि. डिस्कवर)।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा जब से मुख्यमंत्री की कुर्सी से त्यागपत्र दिया गया तब से वे लगातार गढ़वाल-कुमाऊं के दौरे पर हैं। चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र नीलांग वैली पहुंचने के लिए उन्होंने गरतांग गली से अपनी फेसबुक पर फोटो शेयर करते हुए खुशी का इजहार किया है।
गरतांग गली पहुंचने पर उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि मेरा एक और सपना आज साकार हुआ है। वर्ल्ड हेरिटेज साइट गरतांग गली का पर्यटकों के लिए खुलना सु:खद अहसास।
एक समय में भारत और तिब्बत के बीच का व्यापार मार्ग रही गरतांग गली लगभग 60 साल पहले बंद कर दी गई थी। इसका इतिहास लगभग 300 साल पुराना है, और जब यह विषय मेरे सामने आया जब मैं मुख्यमंत्री था, तो मुझे लगा कि हमें इस स्थल को विकसित करना चाहिए और हमें इसे आम पर्यटकों के लिए भी खोलना चाहिए।
पर्यटकों के लिए गरतांग गली की यात्रा बेहद ही रोमांचक होगी। जब मेरे संज्ञान में आया कि इसका कार्य पूरा हो चुका है तो मैंने मन बनाया की स्वयं देखना व इसकी यात्रा की जानी चाहिये। हमारे आइटीबीपी, फॉरेस्ट और सेना के जवानों के साथ मैंने गरतांग गली की सीढ़ियां चढ़ी, कार्य बेहद ही अच्छा और संतोषजनक किया गया है। गरतांग गली को पुनर्जीवित करने और इसे नया रूप देने के लिए इसके निर्माण में लगे सभी लोगों को शुभकामनाएं।
मैं समझता हूं कि जो हमारी चिंता होती है कि शीतकालीन पर्यटक उत्तराखंड में नहीं आ रहा है। शीतकालीन पर्यटक की दृष्टि से भी यहां पर “स्नो लेपर्ड पार्क व्यू” स्थापित किया जा रहा है, जो लगभग ₹8 करोड की लागत से बनेगा। हमारी सरकार की कोशिश है कि शीतकालीन पर्यटक के साथ ही हाई एंड टूरिस्ट भी देवभूमि उत्तराखण्ड में आए।
निश्चितरूप से यह स्नो लेपर्ड पार्क व्यू भी आकर्षण का केंद्र बिंदु बनेगा और उससे एक और जहां हमारे पर्यटक बढ़ेंगे वहीं सैकड़ों स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा साथ ही यहां मौजूद तमाम स्थल भी विकसित होंगे।
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