देहरादून (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा प्रदेश के प्रमुख पर्यावरणविद अनिल प्रकाश जोशी को पद्म भूषण, पर्यावरण विद तथा मैती आंदोलन के प्रणेता श्री कल्याण सिंह रावत तथा डॉ. योगी एरन को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किये जाने पर सभी को बधाई एवं शुभकामना दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ अनिल प्रकाश जोशी को पद्म भूषण तथा कल्याण सिंह रावत तथा डॉ. योगी एरन को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किये जाने से राज्य को भी सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण एवं समाज सेवा के क्षेत्र में इन लोगों के द्वारा किये गये प्रयासों को तो सराहना मिली ही है, राज्य की पहल को भी बल मिला है।
हैस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण पारिस्थितिकी और ग्राम्य विकास से जुड़े मुद्दों और नदियों को बचाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
डॉ.जोशी हमेशा जल, जंगल, प्राण वायु आदि के बदले सकल पर्यावरण उत्पाद की वकालत करते रहे हैं। इसके अलावा ग्राम्य विकास को आर्थिकी से जोड़ते हुए कई उदाहरण पेश किए हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2006 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वर्षों से काम कर रहे कल्याण सिंह रावत ने उत्तराखंड में मैती आंदोलन के जरिये पर्यारण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी परंपरा को जन्म दिया, जिसकी चर्चा आज विश्वभर में होती है। मैती आंदोलन के तहत गांव में जब किसी लड़की की शादी होती है तो विदाई के समय दूल्हा-दुल्हन को एक फलदार पौधा दिया जाता है। वैदिक मंत्रों के के साथ दूल्हा इस पौधे को रोपित करता है और दुल्हन इसे पानी से सींचती है।
पेड़ को लगाने के एवज में दूल्हे की ओर से दुल्हन की सहेलियों को कुछ पैसे दिए जाते हैं। जिसका उपयोग पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में और समाज के निर्धन बच्चों के पठन-पाठन में किया जाता है। दुल्हन की सहेलियों को मैती बहन कहा जाता है। जो भविष्य में उस पेड़ की देखभाल करती हैं। पर्यावरण से जुड़े मैती आंदोलन की शुरुआत कल्याण सिंह रावत ने वर्ष 1994 में चमोली जिले के राइंका ग्वालदम में जीव विज्ञान के प्रवक्ता पद पर रहते हुए की थी।
दून के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. योगी एरन को सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने हिन्दुस्तान से बात कर यह पुरस्कार उत्तराखंड की जनता और मरीजों को समर्पित किया। कहा कि सभी मरीजों से आग्रह है कि अपनी समस्याएं बिना हिचक के बताएं। ताकि उनकी बची हुई परेशानियों को दूर किया जा सके। पुरस्कार मिलने उनकी समाज एवं मरीजों के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है। केंद्र सरकार का उन्होंने विश्वास करने के लिए आभार जताया।