उत्तरकाशी। देर रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण हर्षिल और बगोरी गांव के बीच में बहने वाली जालंधरी नदी उफान पर आ गई। जिससे हर्षिल-क्यारकुटी ट्रैक को जोड़ने वाला पुल बह गया। वहीं यमुना नदी का रुख यमुना मंदिर परिसर की ओर बढ़ने से पुरोहित समाज चिंतित हैं। ग्रामीणों का कहना कि अगर नदियों का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो सेब के बागीचों सहित पर्यटन विभाग के हट्स को बड़ा नुकसान हो सकता है। उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में सोमवार को भी कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने 10 से 12 जुलाई तक प्रदेशभर के सभी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश की तेज बौछार के साथ बिजली चमकने और तेज गर्जन की आशंका है। मौसम विभाग ने हिदायत देते हुए बारिश के दौरान पक्के घरों में रहने को कहा है। खुले स्थान पर मवेशियों और वाहनों को रखने से बचने की सलाह दी है। प्रदेश में भारी बारिश पर्वतीय क्षेत्रों की सड़कों पर भारी पड़ रही है। बीते 24 घंटे में ही भूस्खलन और स्लिप आने से 241 सड़कें बंद हुई हैं। इनमें से 160 सड़कें एक दिन पहले से बंद थीं, जबकि 81 सड़कें रविवार को बंद हुईं। रविवार देर शाम तक 70 सड़कों को खोला जा सका था, जबकि 171 सड़कें अवरुद्ध रहीं। प्रदेश में भारी बारिश की सबसे अधिक ग्रामीण सड़कों पर पड़ी है।
कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। प्रमुख अभियंता लोनिवि दीपक यादव ने बताया कि बारिश के चलते बाधित हुई सड़कों को सुचारु करने के लिए 166 जेसीबी, पोकलेन, चेन डोजर आदि मशीनों को लगाया गया है। बंद सड़कों में 16 स्टेट हाईवे, सात मुख्य जिला मार्ग, चार अन्य जिला मार्ग, 80 ग्रामीण सड़कें और 64 पीएमजीएसवाई की सड़कें शामिल हैं।