Tuesday, October 21, 2025
HomeUncategorizedभूलकर भी ना करें आती हुई छींक को रोकने की गलती, हो...

भूलकर भी ना करें आती हुई छींक को रोकने की गलती, हो सकता है जान का खतरा

बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको छींक आती है। कुछ लोगों को अपनी छींक से ऐतराज नहीं होता। लेकिन कुछ लोग  छींकने से शर्माते हैं और छींक रोकने की कोशिश भी करते हैं। बिना ये सोचे कि छींक रोकने की ये कोशिश जान पर भारी भी पड़ सकती है। आप को शायद ये बातें बेमानी लगे। लेकिन हकीकत यही है छींक रोकने से कभी कभी ऐसे हालात भी बन सकते हैं जो आपकी जान पर बेहद भारी साबित हो सकते हैं। एक शख्स इसका शिकार भी हो चुका है।

छींक रोकने से फट गया गला
रिपोर्ट के मुताबिक 34  साल के एक शख्स को छींक रोकना इस कदर भारी पड़ा कि जान के लाले ही पड़ गए। ब्रिटेन के इस शख्स के गले में  तेज दर्द  और सूजन आने लगी। कुछ ही दिन में उसके लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया। परेशान शख्स इलाज के लिए डॉक्टर के पास पहुंचा। अपनी इस तकलीफ का कारण  सुना तो पहली बार में उसे भी यकीन नहीं हुआ। डॉक्टर ने उसे बताया की छींक रुकने से सारा प्रेशर गले में अंदर चला गया। जिससे गले के मुलायम टिश्यूज फट गए। इस वजह से उसके लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया।

क्यों खतरनाक है छींक रोकना?
जब भी छींक आती है तब नाक के रास्ते से तेज हवा बाहर ती है। अब अगर आप छींक रोकते हैं तो हवा का दबाव बाहर जाने की जगह अंदर ही मुड़ जाता है। जिसका असर किसी और अंग पर पड़ सकता है। छींक के रास्ते बाहर निकलने वाली हवा का प्रेशर बहुत ज्यादा होता है। ये अगर कान के जरिए बाहर निकलती है तो कान के पर्दे भी फाड़ सकती है। इस प्रेशर से आंख, नाक और कान के ब्लड वेसल्स भी फट सकते हैं। असर ज्यादा गंभीर हुआ तो जान जाने का डर भी बना रहता है। इसलिए छींक रोकने की गलती कभी न करें।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES