Tuesday, February 11, 2025
HomeUncategorizedखाद्य, ईंधन निर्यात पर प्रतिबंध से चिंतित आईएमएफ ने गेहूं के निर्यात...

खाद्य, ईंधन निर्यात पर प्रतिबंध से चिंतित आईएमएफ ने गेहूं के निर्यात में कुछ छूट देने के लिए किया भारत का स्वागत

वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वह यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से लगभग 30 देशों द्वारा खाद्यान्न और ईंधन सहित अन्य जरूरी वस्तुओं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर चिंतित है, क्योंकि इससे वैश्विक स्तर पर महंगाई बढऩे और बाजारों के अस्थिर होने का जोखिम है। आईएमएफ ने हाल ही में गेहूं के निर्यात पर घोषित प्रतिबंध में ढील देने और कुछ माल को भेजने की अनुमति देने के भारत सरकार के हालिया फैसले का स्वागत भी किया। आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम खाद्य वस्तुओं, ईंधन और उर्वरकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदमों से बहुत चिंतित हैं, जो वैश्विक स्तर पर मूल्य वृद्धि तथा बाजार में अस्थिरता का कारण बन सकते हैं। इसलिए, यह मुद्दा भारत से कहीं आगे है। भारत से जुड़े एक सवाल पर राइस ने कहा कि हमारी निगरानी से संकेत मिलता है कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से लगभग 30 देशों ने खाद्यान्न और ईंधन सहित अन्य जरूरी सामान के निर्यात में कटौती की है। इसलिए, हम इसे लेकर बहुत चिंतित हैं। (आईएमएफ की प्रबंधक निदेशक) क्रिस्टलीना जॉर्जीवा इस मुद्दे पर काफी मुखर रही हैं। (प्रथम उप प्रबंध निदेशक) गीता गोपीनाथ ने भी कल दोबारा यह मुद्दा उठाया था।

उन्होंने कहा कि भारत के संबंध में हम हाल ही में गेहूं के निर्यात पर घोषित मूल प्रतिबंध में ढील देने और कुछ माल को भेजने की इजाजत देने के उसके फैसले का स्वागत करते हैं, जिनमें पहले से अनुबंधित माल और खाद्य सुरक्षा जरूरतों वाले देशों के लिए निर्यात शामिल है। हम न केवल भारत, बल्कि उन सभी देशों से प्रतिबंधों में और ढील देने की उम्मीद करते हैं, जिन्होंने इन्हें लागू किया है। भारत ने पिछले महीने भीषण गर्मी से उत्पादन घटाने की आशंका के मद्देनजर बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES