●मुख्यमंत्री के बड़प्पन को सराहा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने।
●इंदिरा हृदयेश बोली- यह मातृशक्ति का अपमान।
●फजीहत होने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने ससम्मान बयान वापस लिया
देहरादून (हि. डिस्कवर)।
उत्तराखंड में ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के अमर्यादित बयान के लिए सत्ता के मुख्यमंत्री को विपक्षी दल के नेता से माफी मांगनी पड़ी हो। जी हां मंगलवार को नैनीताल जिले के भीमताल विधानसभा में कार्यकर्ताओं के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया। जिसके बाद सियासी हलकों में भूचाल आ गया हर जगह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान की कड़ी आलोचना होने लगी।
वही इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए ट्वीट कर कहा है कि वह अत्यंत दुखी हैं ।
भगत के इस बयान के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आने लग गईं। मामला अभी-अभी स्वस्थ होकर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आया तो उन्होंने ट्वीट के जरिये बयान से हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर भगत के बयान पर दु:ख जताया और व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगी।
मैं दु:खी हूं, क्षमा चाहता हूं, आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा- सीएम
आदरणीय इंदिरा हृदयेश बहन जी, आज मैं अति दुखी हूं। महिलाएं हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हूं जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा और पुन: क्षमा याचना करूंगा।
यह मातृ शक्ति का अपमान है: इंदिरा
मुझे यह जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मेरे लिए अमर्यादित और अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है। इससे मुझे बहुत दुख और कष्ट हुआ है। किसी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पूरी पार्टी का प्रतीक होता है और प्रतिनिधित्व करता है। प्रदेश अध्यक्ष अगर इस तरह की भाषा का प्रयोग करे तो यह उत्तराखंड नहीं पूरे देश में माताओं और बहनों का अपमान है। भारतीय संस्कृति का दावा करने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जिस तरह से नारी शक्ति का अपमान किया है उसे देश, पहाड़ और उत्तराखंड की नारी बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रदेश की सरकार, प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसका संज्ञान लेना चाहिए और भगत से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हो तो अपनी भाषा सुधारो। भाषा जिनकी अशिष्ट होगी, नारियां उनके पास जाने से परहेज करेंगी। घर और बाहर की नारियां नाराज रहेंगी। इस तरह की भद्दी भाषा बोलने की अपेक्षा भाजपा नेतृत्व से नहीं करती हूं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मेरी मांग है कि इसे गंभीरता से लें और इसके लिए भगत से माफी मांगने को कहें।
हरीश रावत हुए सीएम त्रिवेंद्र के मुरीद, सीएम त्रिवेंद्र के बड़प्पन को सराहा।
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता हरीश रावत ने एक बार फिर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारीफ की है। इंदिरा ह्र्दऐश के लिए जिस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल भाजपा अध्य्क्ष बंशीधर भगत ने किया उस पर सीएम त्रिवेंद्र ने बिना देर लगाए माफी मांगते हुए जहाँ अपना बड़पन दिखा दिया वही कही न कही बंशीधर को एक सन्देश भी दे दिया। हरीश रावत ने सीएम के माफी मांगने पर खुशी जताते हुए कहा है की सीएम त्रिवेंद्र ने पार्टी को फजीहत से बचा लिया। नर्सिंग प्रकरण पर सीएम त्रिवेंद्र के फैसले की भी हरीश रावत ने तारीफ की है।
क्या बोले बंशीधर भगत।