Wednesday, August 20, 2025
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प्रदेश के पहाड़ी जनपदों की उच्च शिखरों में हिमपात से बढ़ी ठिठुरन

(हिमालयन डिस्कवर टीम)

उत्तराखंड प्रदेश में पिछले दो तीन दिनों से अचानक तापमान में गिरावट आने से ठण्ड का   प्रकोप बढ़ गया है, जहाँ विगत दिवस राजधानी देहरादून के देहरादून सहित मैदानी क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई है वहीँ जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के उच्च शिखरों व गाँवों में बर्फवारी ने वहां के जनमानस में ठिठुरन पैदा कर दी है. इस दौरान पहाड़ी जनमानस बर्फ के फ़ोहों का आनंद उठाते हुए कई स्थानों पर ढोल के साथ नृत्य करते भी दिखाई दिए. वहीँ जनपद चमोली में भी जमकर बर्फवारी हुई है. रुद्रनाथ क्षेत्र में ग्वाड व सगर गाँव की घसियारी महिलाओं ने बर्फवारी का आनंद लेते हुए फोटो खिंचवाई हैं.

(हिमाचल का चूडधार)

हिमाचल के चूडधार में कई फिट बर्फ पड़ने का अनुमान है वहीँ उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के जरमोला, केदारकांठा, ओसला-गंगाड-पवाणी, लिवाड़ी-फिताड़ी व जखोल क्षेत्र, पौड़ी गढवाल के अमेली-अदवाणी की उच्च शिखरों में, रुद्रप्रयाग के उच्च शिखरी गाँवों में, टिहरी गढवाल की उच्च शिखरों में व मसूरी क्षेत्र में, व कुमाऊ मंडल के बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल के उच्च शिखरों में हिमपात हुआ है. पहाडो में जहाँ तापमान जीरो डिग्री तक पहुँच गया है वहीँ दूसरी ओर देश की राजधानी दिल्ली-NCR, 4.9°C तक तापमान पहुँच गया है जिससे ठंड में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है.

(सेल्फी फोटो :  रुद्रनाथ क्षेत्र में ग्वाड व सगर गाँव की घसियारी महिलायें)

मैदानी भू-भागों से पहाड़ों में  गए यात्रियों ने जमकर बर्फ का आनंद लिया व एक दूसरे पर बर्फ के गोले बनाकर इस बर्फबारी का खूब लुत्फ़ उठाया. दूसरी और पर्वतीय जिलों के किसान बारिश न होने से बेहद चिंतित हैं क्योंकि खेतों की नमी ख़त्म होने के कारण फसल में गिरावट आई है. वैसे उम्मीद जताई जा रही है कि धीरे-धीरे मानसून परिवर्तन के साथ पहाड़ों के ग्रामीण इलाको में बारिश होगी या फिर बढे ठण्ड के प्रकोप से बर्फवारी हो  सकती है.

यह आश्चर्यजनक नहीं तो और क्या है कि लू के थपेड़े झेलने वाले सऊदी अरब में बर्फवारी हुई है. जम्मू कश्मीर के सोनमार्ग व गान्दरबल में भी जमकर हिमपात हुआ है.

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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