देहरादून 13 मार्च, 2021 (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने फूलदेई पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामना दी है। अपने सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति से जुड़ा फुलदेई का पर्व हमें प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। उन्होंने इस अवसर पर सभी से वृक्षारोपण की भी अपील की है।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत रविवार 14 मार्च, 2021 को प्रातः 08ः30 बजे मुख्यमंत्री आवास, 39 भागीरथीपुरम जीएमएस रोड़ देहरादून में आयोजित फूलदेई कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री 11ः00 बजे ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय सभागार हरिद्वार में महाकुम्भ के अवसर पर आयोजित नेत्रकुम्भ-2021 का शुभारम्भ करेंगे तथा दोपहर 12ः40 बजे हरिहर आश्रम हरिद्वार में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भेंट करेंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह अपराह्न 03ः55 बजे राजभवन देहरादून में बसन्तोत्सव-2021 के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के पश्चात सांय 06ः00 बजे जनपदीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित करेंगे।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दी फूलदेई की शुभकामनाएं। राजाभवन में रंगारंग कार्यक्रम।
●राजभवन में वसन्तोत्सव के अवसर पर आयोजित हुई सांस्कृतिक संध्या के अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश वासियों को फूलदेई की शुभकामनाएं दी हैं।
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को राजभवन में वसन्तोत्सव 2021 के द्वितीय सत्र में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक सन्ध्या का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी उपस्थित थे।
आज आयोजित सांस्कृतिक संध्या में उत्तराखण्ड की स्थानीय भाषाओं में हरियाली से सम्बन्धित गीतों, भजनों, वृन्दावन की होली एवं मयूर नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। आज की सांस्कृतिक संध्या का विशेष आकर्षण मथुरा वृंदावन से आई वृंदावन की फूलों की होली एवं मयूर नृत्य का अत्यंत सुंदर प्रदर्शन किया गया। वृंदावन की फूलों की होली देश-विदेश में प्रसिद्ध है। वीणा म्यूजिकल ग्रुप, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश द्वारा अपने कलाकारों के माध्यम से फूलों की होली एवं मयूर नृत्य का सुंदर प्रदर्शन किया गया। सांझी कला और फूलों का बंगला भी आकर्षण का केन्द्र रहा।