एथलेटिक्स की जमीन साबित हो रहा है उत्तराखंड का चमोली जिला।
* वाक रेस मे ओलम्पिक तक पहुंचने से लेकर कई राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में धूम मचा रहे हैं धावक।
(क्रांति भट्ट)
ठेठ पहाड़ के गांवों के पथरीले रास्तों से निकट के छोटे छोटे नगरों की सड़कों और मिनी खेल मैदानों पर दौड़ का अभ्यास करने वाले चमोली के एथलीट न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया में अपनी पहचान की स्पर्धा में लगे हैं। जिस तरह से हरियाणा की लड़के लड़कियां रेसलिंग और बाक्सिंग में अपनी अलग ही पहचान बना रहे हैं। उसी तरह चमोली के लड़के लड़कियां भी एथलेटिक्स विशेष तौर पर वाक रेस में पहचान बना रहे हैं और एक के बाद एक पदक जीत रहे हैं ।
उपलब्धि 1
चमोली जिले के सगर ( गोपेश्वर ) के मनीष रावत 20 किमी वाक रेस में राष्ट्रीय , अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में स्वर्णिम सफलता हासिल करने बाद बीजिंग ओलंपिक तक वाक रेस में भाग ले चुके हैं। और पदक पाने के लिए कुछ सैकेंड से ही पीछे रहे।।
उपलब्धि 2
चमोली जिले के युवा एथलेटिक्स परमजीत सिंह बिष्ट चमोली के खल्ला मंडल ( गोपेश्वर ) के रहने वाले हैं। कालेज की स्पर्धा से लेकर वे राष्ट्रीय व अतंर्राष्ट्रीय स्पर्धा में 10 किमी वाक रेस में प्रतिभाग करने व पदक जीतने के बाद अब जापान में आयोजित 10 किमी की वाक रेस में प्रतिभाग करने के बाद ओलम्पिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं ।
उपलब्धि 3
चमोली जिले की मानसी नेगी ने अभावों के बाबजूद राष्ट्रीय , अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 10 वह 20 किमी की वाक रेस में अपनी , चमोली जिले की , उत्तराखंड और देश की पहचान बनाती है। उनका लक्ष्य भी ओलम्पिक में पदक है ।
उपलब्धि 4
चमोली जिले के बऐरआगगणआ कालेज के आदित्य नेगी भी वाक रेस में तेजी से अपनी पहचान राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बना रहे हैं। उन्होंने अभी तक चार राष्ट्रीय स्पर्धा में पदकईय सफलता अर्जित की है ।और अभी भी राष्ट्रीय खेल शिविरों में प्रशिक्षण ले रहे हैं ।
गुदड़ी के लाल कर रहे हैं कमाल
चमोली में एथलेटिक्स बहुत सामान्य या गरीब परिवारों से हैं। मनीष रावत अब पुलिस में इंस्पेक्टर हैं पर परिवार से सामान्य किसान परिवार से हैं। परमजीत सिंह बिष्ट के पिता भी गरीब किसान हैं और गांव में छोटी सी दुकान चलाते हैं। मानसी के पिता उसके बचपन में गुजर गये । वह बहुत गरीब परिवार से हैं । आदित्य नेगी भी सामान्य परिवार से हैं । इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के कोच रहे खेल शिक्षक गोपाल सिंह बिष्ट बताते हैं जिस तरह से हरियाणा और पंजाब युवा रेसलर्स और बाक्सर देश का नाम रोशन कर रहे हैं । उसी तरह चमोली भी एथलेटिक्स खास कर वाक रेस की जमीन बन रही है । और अपनी प्रतिभा का देश दुनिया में डंका बजा रहें हैं।