हरिद्वार 21 जुलाई 2020 (हि. डिस्कवर)
एक ओर उत्तराखंड सरकार कुम्भ आयोजन के लिए हरिद्वार कुम्भ क्षेत्र में नए-नए निर्माण कार्य करवाकर हर की पैड़ी व कुम्भ क्षेत्र को सजाने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर शायद प्रकृति नहीं चाहती कि मनुष्य इस क्षेत्र में बेवजह अतिक्रमण कर प्रकृति, गंगा व धर्म आस्था क्षेत्र में दखल डाले।
आज तड़के बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने से ऐन हर की पैड़ी के उपर हिस्से पर बनी लगभग 85 साल पुरानी दीवार भरभराकर गिर गयी जिसके पत्थर व मिट्टी हर की पैड़ी की सीढ़ियों से लुढ़कते हुए गंगा जी के घाट में भी जा गिरे जहां यात्री स्नान करते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आकाशीय बिजली विद्युत ट्रांसफार्मर पर गिरी है व उसके बाद जमीन खोदती हुई निकल गयी जिससे भारी नुकसान हुआ है।
1935 में बनी हर की पैड़ी क्षेत्र में दीवार टूटने पर लगभग 90 बर्षीय बाबा स्वरूपानन्द कहते हैं कि उन्होंने पूरी जिंदगी यही गुजार दी लेकिन इस क्षेत्र में इससे पूर्व ऐसा कहर कभी नहीं बरपा था। वह इसे प्राकृतिक कहर कम व मानवीय भूल ज्यादा मानते हैं। उनका मानना है कि अब गंगा क्षेत्र में भी पापी ज्यादा आकर बसने लगे हैं इसलिए ऊपर वाला हमसे रुष्ट है।
बहरहाल अभी तक जनहानि की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।