* घटना के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की करोड़ों की सम्पति की हो सकती है कुर्की ।
हल्द्वानी/नैनीताल (हि. डिस्कवर एक्सक्लुसिव रिपोर्ट)
कहते हैं न कि “होई है सोई जो राम रचि राखा।” कम पढ़ा लिखा होना भी कितना बड़ा अभिशाप है! हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा में हुई घटना का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक सिर्फ़ 50 रूपये में ऐसी घटना को अंजाम दे गया जो पूरे उत्तराखंड में कभी सुनने जानने के लिए नहीं मिली थी। हिमालयन डिस्कवर ने कई बार रेलवे की ज़मीन पर हुए अतिक्रमण व ट्रेन की पटरी के पास लटके तरह तरह के झंडों पर अपने लेखों से क्या कांग्रेस व क्या भाजपा दोनों ही दौर की प्रदेश सरकारों को चेताया था लेकिन जब सरकार चेती तो उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि पेट्रोल बम व पत्थरों की बरसात से पुलिस व नगर निगम की टीम का स्वागत होगा। ज्यादात्तर कम पढ़े लिखे समाज के मुस्लिमों के लिए अवैध मदरसा व नमाज़ स्थल अब उनकी जान के लिए जोखिम बन गया है। लगातार पुलिस दबिश के चलते वह जगह जगह भागते फिर रहे हैं लेकिन उनके लिए ठौर कहीं नहीं है। न अल्लाह मदद को तैयार है न अली…। और तो और इन्हें भड़काने वाला मास्टर माइंड अब्दुल मलिक भी भागता फिर रहा है, उसे डर है कि कहीं उसे पुलिस टपका न दे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा करने भर की देर थी कि दूसरे दिन बनभूलपुरा में पुलिस चौकी स्थापित कर दी गई है। अब बनभूलपुरा मालिक का बागीचा “पुलिस का बगीचा” बन चुका है। जल्दी ही इस स्थान पर थाना बनकर तैयार हो जायेगा। लग तो यह भी रहा है कि अब ऑपरेशन सर्च चलेगा व प्रत्येक घर की तलाशी के पश्चात यह तथ्य सामने लाया जा सकेगा कि आखिर अचानक हल्द्वानी में हजारों की संख्या में यह मुस्लिम बसासत कैसे और कहाँ से हुई। कहीं ये तो नहीं कि यहाँ खूंखार कहे जाने वाले रोहिंग्या बसा दिए गए हों जिन्हें विश्व भर के देश अपने मुल्क से धकिया रहे हैं।
विगत दिवस पुलिस प्रशासन द्वारा जिस तेजी के साथ ढहाये गए अवैध मदरसा, व नमाज़ स्थल पर इस चौकी का शुभारंभ हिंसा में घायल महिला पुलिसकर्मियों के माध्यम से करवाकर वहां पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी है, उससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस अब इन उपद्रवियों को जल्दी नहीं बख्शने वाली। वहीं पुलिस ने विगत दिवस सात और उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। इनसे दो तमंचे, छह कारतूस और दो खोखे भी बरामद हुए हैं। अब तक पुलिस दो पार्षदों समेत 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने हिंसाग्रस्त क्षेत्र से 41 शस्त्रधारकों से असलहे जमा करा लिए हैं। जो नई गिरफ्तारियाँ हुई हैं उन में शोएब पुत्र बब्बू खान, भोला उर्फ़ सोहेल पुत्र मोहम्मद ताहिर, समीर पासा पुत्र शमीम पासा, जुनैद उर्फ़ इब्राहिम पुत्र मोहम्मद असगर उर्फ़ सूफी, साहिल अंसारी पुत्र मतलूब अंसारी, शाहनवाज़ उर्फ़ शानू पुत्र शरफराज व अब्बू तस्लीम पुत्र मोहम्मद इब्राहिम प्रमुख हैं और ये सभी बनभूलपुरा के निवासी ही हैं।
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि 19 नामजद समेट 5000 उपद्रवियों के खिलाफ तीन मुकदमें दर्ज किये थे। पुलिस सीसीटीवी तलाश रही है। वहीं पुलिस के तलाशी अभियान में घर पर ताला लगाकर घर के अंदर छिपे मिले कई लोगों को भी पुलिस पूछताछ के लिए थाने ले गई है। विगत मंगलवार को पुलिस टीम द्वारा करीब 150 घरों की तलाशी ली। 100 घरों में बाहर ताला लगा हुआ मिला। बताया जा रहा है कि ताला तोड़कर अंदर दाखिल होने पर करीब 50 घरों में लोग छिपकर रहते मिले। जिनमें से पुलिस ने 35 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिए हैं।
अधेड़ ने तोड़ा दम:
हल्द्वानी के गफूर बस्ती निवासी मो. इसरार (50) पुत्र इकबाल हुसैन निवासी गफूर बस्ती को आठ फरवरी को उपद्रव के दौरान रात करीब आठ बजे गोली लग गई थी। उसका इलाज सुशीला तिवारी अस्पताल में चल रहा था, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की सम्पति की हो सकती है कुर्की।
घटनाक्रम के दौरान उपद्रवियों को उकसाने वाले मास्टर माइंड अब्दुल मलिक जहाँ एक ओर भागता छिपता फिर रहा है वहीं दूसरीlo ओर उसकी सम्पति की जांच जारी है। यही अब्दुल मलिक जिसके नाम से मालिक का बगीचा कहा जाता है, यहाँ कम पढ़े लिखे लोगों को 50 रुपये के स्टाम्प पर ज़मीने बेचता रहा व अबैध बस्ती बसाता रहा। अब पुलिस व जिला प्रशासन मिलकर अब्दुल मलिक की वैध व अवैध सम्पति की जांच कर उसकी कुर्की करने का मन बना चुका है। सूत्रों की माने तो अब्दुल मलिक की यह सम्पति करोड़ों की है। एक स्थान से दूसरे स्थान भागते फिर रहे मलिक की तलाश में पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली व अन्य प्रदेशों में दबिश दे रही है।
कई महिलाएं भी हिरासत में :
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा किएस बनभूलपुरा में सीसीटीवी, वीडियो फुटेज में महिलाएं भी देखी गई हैं। वे घर की छतों और दरवाजे से पत्थर और बोतल मार रही थीं। कई महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि घर छोड़कर भागने वाले उपद्रवियों की तलाश में पुलिस को ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और यूपी के कई जिलों में भेजा गया है।
मलिक के बगीचे का नाम पुलिस का बगीचा। एस आई ज्योति कोरंगा व बबीता ने किया चौकी का शुभारंभ
मालिक का बगीचा अब पुलिस का बगीचा नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन ने मलिक के बगीचे में देखरेख चौकी खोल दी है। यहां एक उपनिरीक्षक के साथ चार कांस्टेबल की तैनाती भी कर दी गई है। डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में उपद्रव में घायल दो महिला सब इंस्पेक्टर बबीता और एसआई ज्योति कोरंगा ने चौकी का शुभारंभ किया। डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत और एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा वहां पहुंचे। उन्होंने टेंट लगवाकर उसमें देखरेख पुलिस चौकी खोलकर उसमें एक उपनिरीक्षक और चार कांस्टेबल तैनात तैनात कर दिए हैं।
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा कि चौकी में एक सब इंस्पेक्टर और चार जवानों की तैनाती कर दी है। यह चौकी 24 घंटे काम करेगी। उन्होंने कहा कि अब मलिक के बगीचे को पुलिस के बगीचे के रूप में जाना जाएगा। यहां पीएसी और अर्द्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि थाने के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। भविष्य में सभी राजकीय कार्य इस चौकी से ही संचालित होंगे।
यकीनन यह सुनने में जहाँ आम जन को सुखद लगा कि अब मलिक का बगीचा पुलिस का बगीचा के नाम से जाना जायेगा वहीं आम जन की यह भी राय है कि दो घायल महिला इंस्पेक्टर से पुलिस चौकी का शुभारंभ करवाकर एक अच्छी व नई पहल शुरू हुई है इस से पुलिस का मनोबल आम जनता के मध्य बना रहेगा।
हाई कोर्ट से याचिकाकर्ता साफिया मलिक को नहीं मिली राहत
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकार की नजूल भूमि पर स्थित मलिक के बगीचे में अतिक्रमण के मामले में बुधवार को सुनवाई की। फिलहाल याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी गई है। साथ ही, राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब पेश करने व याचिकाकर्ता को सरकार के जवाब पर दो सप्ताह में प्रति शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। अब इस पर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 10 मई को निश्चित की गई है।
कांग्रेसी पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद कर रहे हैं मलिक की पैरवी
याचिकाकर्ता साफिया मलिक द्वारा दायर हाई कोर्ट में याचिका की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम करते हुए कहा कि नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने का जो नोटिस दिया गया, वह नियम विरुद्ध है। नोटिस में किसी भी नियमावली का पालन नहीं हुआ। इसलिए इस नोटिस पर रोक लगाई जाए। मलिक का बगीचा में प्रशासन ने नमाज स्थल व मदरसा सहित अन्य निर्माण ध्वस्त के लिए समय नहीं दिया, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। इसके जवाब में राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, शासकीय अधिवक्ता अमित भट्ट ने कहा कि नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार के पास नीति है। प्रशासन ने नियमों के तहत ही अतिक्रमण हटाया है। पूर्व में यह भूमि सरकार ने कृषि कार्य के लिए दस साल की लीज पर दी थी। जिसकी लीज समाप्त हो गई और इसका नवीनीकरण भी नहीं हुआ।
याचिकाकर्ता ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया। मलिक का बगीचा से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमानुसार की गई। बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हल्द्वानी निवासी साफिया मलिक की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि नगर निगम ने उन्हें 30 जनवरी 2024 को नोटिस देकर मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने को कहा था। उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। नोटिस प्रशासनिक था, न कि अदालत का। हाईकोर्ट ने फिर इस मुकदमे पर 10 मई तक के लिए विराम लगा दिया है।
बहरहाल पुलिस व जिला प्रशासन ने बनभूलपुरा बबाल के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक सहित नौ अन्य फरार चल रहे आरोपियों की सम्पति कुर्क करने की कार्यवाही तेज कर दी है। इन साजिशकर्ताओं में अब्दुल मलिक, निवर्तमान पार्षद शकील अंसारी, अब्दुल मोईन, वसीम उर्फ़ हप्पा, मौक़ीन सैफी, तस्लीम, एजाज अहमद, जियाउल रहमान, रईस उर्फ दत्तू शामिल हैं।