◆चंपावत से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया नामांकन। भाजपा सरकार व संगठन के दिग्गज रहे मौजूद।
चंपावत (हि. डिस्कवर टीम)।
“बचपन में इज कुन्यभै- चंपावत वाल सबौकि मदद करनान। मैं तुमर चेल छूं, तुमुले ख्याल रख्न छ अब”। (बचपन में ईजा कहती थी कि चंपावत वाले सबकी मदद करते हैं। मैं तुम्हारा बेटा हूं, अब तुमने ही मेरा ख्याल रखना है)।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नामांकन के बाद चम्पावत शहर में अपनी पहली चुनावी जनसभा को संबोधित को संबोधित करते हुए कुमाऊँनी भाषा में बातें रखकर वहां की जनता के दिल को छूने की कोशिश की। उन्होंने चंपावत से जुड़ी अपनी व्यक्तिगत बातों को साझा करते हुए कहा कि “अब सब तुमर हाथ में छ” ( अब तुम्हारे हाथ में है)। उम्मीद ही नहीं मुझे पूरा विश्वास है कि आपका आशिर्वाद मुझे मिलेगा।
चंपावत के इतिहास में सम्भवतः यह पहला ऐसा अवसर था, जब किसी पार्टी की लगभग पूरी कैबिनेट, पूर्व सीएम, सांसद, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और तमाम विधायकगण एक साथ चुनावी मंच पर मौजूद रहे। अब इसे पार्टी की एकजुटता कहें या फिर पर्दे के पीछे से चला केंद्रीय संगठन का चाबुक…! बहरहाल जो भी था वह ऐतिहासिक था। इस चुनावी सभा में पार्टी फॉर्म के वरिष्ठ से वरिष्ठ नेता ने पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री पद व नेतृत्व की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने वक्तव्य में खासतौर से चंपावत के तमाम इलाकों का जिक्र करते हुए, यह जताने की कोशिश की, कि उनके लिए ये इलाका कोई नया नहीं है। उन्होंने गोलू देवता, पूर्णागिरी मंदिर, बाराही मंदिर देवीधुरा, अद्वैत आश्रम मायावती, नरसिंह मंदिर आदि का जिक्र किया।
उन्होंने राजनीतिक वाकपटता का उदाहरण देते हुए मातृशक्ति का आवाहन करते हुए कहा कि बचपन में पिथौरागढ़ से खटीमा आने-जाने के दौरान उन्हें ईजा (मां) की बातें मुझे ध्यान आती हैं, जब वे कहा करती थीं कि चंपावत वाले सबकी मदद करते हैं और आज वो मौका आ गया जब उन्हें चम्पावत की जनता के आशिर्वाद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वो हमेशा यहां के लोगों के पीछे खड़े दिखाई देंगे, उनके सुख-दुख में हमेशा साथ रहेंगे। पूरे क्षेत्र को पर्यटन के रूप में एक बड़ा नाम बनाने के लिए वो लगातार काम करेंगे।
उन्होंने चम्पावत जिले में पर्यटन की बढ़ती सम्भावनाओं पर जनता का ध्यानाकर्षण करते हुए कि मुख्यमंत्री की व्यस्तताओं के बावजूद भी उन्हें चम्पावत जैसे जिले की प्रमुखता से सेवा करने का मौका मिलेगा।
गौर तलब है कि खटीमा विधान सभा क्षेत्र (जहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हारे थे) को उन्होंने उत्तराखंड के नक्शे में मात्र 05 माह के मुख्यमंत्री काल में विकास योजनाओं का अंबार लगाते हुए दर्शा दिया लेकिन फिर भी जनता ने धन बल के आगे उन्हें हरा दिया था। अब जबकि सभी विपक्षी दल भी यह मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बम्पर वोटों से यह चुनाव जीतेंगे फिर भी भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती जिसका सीधा सा अर्थ है कि भाजपा की चिंता विपक्ष नहीं बल्कि अपने घर में छुपे विभीषण हैं।