देहरादून। आज देहरादून स्थित एक स्थानीय होटल में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा के सम्मुख प्रस्तावित उत्तराखण्ड चारा विकास नीति 2022 एवं मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन को अन्तिम स्वरूप देने हेतु विभाग द्वारा तैयार की गयी प्रस्तावित उत्तराखण्ड चारा विकास नीति 2022 का विस्तारपूर्वक प्रस्तुतीकरण किया गया।
मंत्री द्वारा केन्द्र प्रोषित योजनाओं की Gap Filling एवं प्रदेश को चारा उत्पादन, पशुधन के उत्पादों पर आत्म निर्भर बनाने हेतु पशुधन में उत्पादकता बढाने एवं रोजगार सृजन करने हेतु उक्त नीतियों को कैबिनेट में पारित करने हेतु प्रस्ताव लाया जाएगा।
पशुपालन मंत्री द्वारा राज्य की जनता से भी अनुरोध किया गया कि विभागीय बेवसाइटcsolkbV www-adh-uk-gov-in पर उपलब्ध उत्तराखण्ड चारा विकास नीति 2022 एवं मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन की प्रस्तावित नीति का संज्ञान लेते हुये आगामी 15 दिवसों में बहुमूल्य सुझाव विभागीय मेल अथवा लिखित रूप से निदेशालय पशुपालन विभाग, पशुधन भवन, मोथरोवाला, देहरादून को प्रेषित करने हेतु अपेक्षा की गयी।
सचिव पशुपालन द्वारा उक्त नीति को प्रत्येक जिलों में विभागीय अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में प्रगतिशील पशुपालकों को उपरोक्त पर सुझाव प्रेषित करने हेतु प्रचार-प्रसार करने निर्देश दिये गये। इस क्रम में राजपुर देहरादून के पशुपालक ललित बुडाकोटी द्वारा चारे के बीज कृषकों द्वारा उत्पादन हेतु प्रेषित करने का सुझाव दिया गया। दीपक उपाध्याय द्वारा साईलेज का बृहद उत्पादन एवं प्रसार करने हेतु सुझाव दिया गया।
जगदीश भण्डारी, बालावाला द्वारा मोबाईल वैटनरी यूनिट में अल्ट्रासाउण्ड रखने हेतु सुझाव दिया गया। जनपद हरिद्वार के धीर सिंह व अन्य के द्वारा जनपद में पशुधन संख्या के अनुपात में नये पशुचिकित्सालय खोलने की मांग की गयी। प्रेस वार्ता में सचिव पशुपालन, डा0 बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम, निदेशक पशुपालन डा0 प्रेम कुमार, मुख्य अधिशासी अधिकारी, यू0एस0डी0बी0, डा0 बी0सी0 कर्नाटक, अपर निदेशक डा० लोकेश कुमार व अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।