(मनोज इष्टवाल)
कभी-कभी स्वप्न सी लगती जिंदगी और अविश्वसनीय से लगते अक्स यकीनन अचंभित कर देते हैं। ऐसा ही कुछ श्रीकांत तुली के निर्देशन में बने गीत “ख़्वाबीदा” के शानदार निर्देशन ने भी बेहद चौंकाया है। यकीन इसलिए नहीं होता क्योंकि हमने श्रीकांत का बचपन देखा था जब वह बमुश्किल सातवीं-आठवीं का छात्र था।
अपनी माँ माउन्टेनियर विजया तुली पन्त व अभिनेत्री बहन मधुरिमा तुली के साथ देहरादून के राजपुर से मुंबई मायानगरी के रुपहले पर्दे पर श्रीकांत कुछ महीने पहले तक तो स्वयं भी नाट्य अभिनय करते दिखते थे।
फिर वह दिन भी आया कि अपनी ही बहन अभिनेत्री मधुरिमा तुली व अभिनेता विशाल आदित्य सिंह को लेकर एक थीम सांग को लेकर श्रीकांत ने अपने कैमरे के वह शौक पूरे कर डाले जो वह अक्सर फुर्सत के पलों में कैमरे की क्लिक के साथ पूरा किया करते थे। लेकिन वह इतना सुंदर डायरेक्शन भी कर लेंगे ऐसा सोचना जरा हटकर था।
ख़्वाबीदा में गीत, संगीत, कलर्स, पिक्शंस और सम्पादन बेजोड़ है। उतना ही बेजोड़ जितनी बेजोड़ इसमें फिल्माए गए अभिनेता-अभिनेत्री का अभिनय। विश्वास नहीं है तो आप ही देख़ लीजिये।