Sunday, September 8, 2024
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सफेद के बाद अब पीले राशन कार्ड धारकों के लिए जून से आपके लिए भी बदलने वाली है व्यवस्था, आदेश हुए जारी।

देहरादून (हि. डिस्कवर)।

राज्य में पीले राशन कार्डधारकों को जून 2022 से मार्च 2023 तक गेहूं की जगह चावल का वितरण किया जाएगा। भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अपर सचिव ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। अभी पीले राशन कार्डधारकों को पांच किलो गेहूं 8.60 रुपये प्रतिकिलो और 2.5 किलो चावल 11 रुपये प्रतिकिलो की दर से दिया जाता था। प्रदेश में 995858 पीले राशन कार्डधारक हैं।

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आरएफसी कुमाऊं हरबीर सिंह भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने जून से पीले राशन कार्डधारकों को गेहूं की जगह चावल का आवंटन करने का निर्णय किया है। इसके आदेश मुख्य सचिव को भेजे गए हैं। राज्य सरकार की ओर से आवंटन जारी होने के बाद जून का राशन का कोटा जारी किया जाएगा।

गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार में कमी दर्ज की गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भी विश्व में गेहूं की डिमांड बढ़ गई है। इस कारण कई सौ मीट्रिक टन गेहूं निर्यात किया जा चुका है। अब भारत सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। गेहूं का उत्पादन कम होने के कारण भारत सरकार ने पीले राशन कार्डधारकों के कोटे में गेहूं की कटौती कर दी है। भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार ने इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। पत्र में कहा कि पीले राशन कार्डधारकों को अब गेहूं की जगह चावल का वितरण किया जाएगा। यह आदेश जून 2022 से लेकर मार्च 2023 तक लागू रहेगा।

अब साढ़े सात किलो चावल मिलेगा
राज्य में पीले राशन कार्डधारकों को अब तक पांच किलो गेहूं और ढाई किलो चावल मिलता था। अब राज्य के पीले राशनकार्ड धारकों को साढ़े सात किलो चावल मिलेगा। केंद्र सरकार राज्य के पीले राशन कार्डधारकों के लिए प्रतिमाह 5669 मीट्रिक टन गेहूं और 2792 मीट्रिक टन चावल का आवंटन करती थी। जून से मार्च 2023 तक पीले राशन कार्डधारकों को 8461 मीट्रिक टन चावल का आवंटन किया जाएगा।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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