पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के कॉलेज व पेट्रोल पंप पर मारा छापा, गंभीर संकट की आहट
स्टिंग प्रकरण व कार्बेट में अवैध कटान के मामले में घिरे कांग्रेसी नेता
देहरादून। बीते साल की शुरुआत में फिर से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर सीबीआई के बाद अब विजिलेंस की नजरें भी टेढ़ी हो गयी हैं। बुधवार को विजिलेंस ने हरक सिंह रावत के बेटे के देहरादून के शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट आफ मेेडिकल साइंस और छिददरवाला स्थित अमरावती पेट्रोल पंप में धावा बोला। विजिलेंस की कई टीम दस्तावेज खंगालने के अलावा पूछताछ भी कर रही है।
विजिलेंस के छापे की खबर मिलते ही पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत कालेज में पहुंच गए। और विजिलेंस की टीम के साथ गर्मागर्मी भी हुई। इस दौरान लैंसडौन से विधानसभा चुनाव हार चुकी बहु अनुकृति गुसाईं भी साथ में थी। गौरतलब है कि भाजपा सरकार में वन मंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत व कुछ विभागीय अधिकारियों पर कार्बेट पार्क की पाखरो रेंज में अवैध पेड़ कटान व निर्माण को लेकर गम्भीर आरोप लगे।
इस गंभीर प्रकरण में केंद्र की विभिन्न पर्यावरणीय जांच एजेंसी ने 6 हजार पेड़ों के अवैध कटान व निर्माण को लेकर गंभीर टिप्पणी की थी। सीएम ने विजिलेंस जांच के आदेश भी दिए। कई वन विभाग के अधिकारी लपेटे में है। इस बीच, 2016 में हरीश रावत की सरकार को गिरा बागी हरक सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे। इस दौरान तत्कालीन सीएम हरीश रावत और विधायक मदन बिष्ट के बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण को लेकर हरक सिंह रावत सीबीआई जांच के दायरे में है।
दो महीने पहले सीबीआई ने वॉयस सैंपल के लिए हरक,हरीश, मदन बिष्ट व स्टिंग करने वाले उमेश कुमार को नोटिस भी जारी किया था। चारों ने सीबीआई कोर्ट को जवाब दाखिल किया है। हाल ही में, कांग्रेस पार्टी ने हरक सिंह को राजस्थान चुनाव में समन्वयक की जिम्मेदारी मिली है। इस जिम्मेदारी के बाद जगह जगह हरक सिंह का स्वागत हो रहा है। इसी बीच, विजिलेंस ने भी हरक के कॉलेज व पेट्रोल पंप की घण्टी बजा दी। बहरहाल, कार्बेट पार्क कटान व स्टिंग प्रकरण में सीबीआई व विजिलेंस के एक्टिव मोड में आने से मौजूदा कांग्रेसी नेता हरक सिंह रावत की राजनीति में गंभीर संकट की आहट सुनाई दे रही है।