Thursday, December 26, 2024
Homeफीचर लेखआप के नेता बंगले के लिए लड़ रहे

आप के नेता बंगले के लिए लड़ रहे

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा अपना बंगला बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। वे उस पार्टी के नेता हैं, जिसने अपने गठन के समय ऐलान किया था कि उसके नेता सरकारी बंगला नहीं लेंगे, बड़ी गाडिय़ों में नहीं चलेंगे, सुरक्षा नहीं लेंगे, आम लोगों की तरह रहेंगे लेकिन पार्टी के सर्वोच्च नेता अरविंद केजरीवाल ने न सिर्फ बंगला लिया, बल्कि पुराने बंगले को तोड़ कर करीब 50 करोड़ रुपए की लागत से नया बंगला बनवा लिया। उनके घर पर 30 से ज्यादा सेवक काम करते हैं और वे आधा दर्जन गाडिय़ों के काफिले से चलते हैं। उनको दो राज्यों से सुरक्षा मिली हुई है। उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए उनकी पार्टी के युवा सांसद बड़े बंगले के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने बहुत अनुरोध करके एक बड़ा बंगला लिया था और अब उसे बचाने के लिए लड़ रहे हैं।

राघव चड्ढा को टाइप सात का बंगला मिला था। यह बंगला उन्हें अपने आप नहीं मिला था। वे राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ से मिले थे और बड़ा बंगला देने का अनुरोध किया था, जिसे मान लिया गया गया था। उनको पंडारा रोड पर एबी-5 बंगला मिल गया था। इस तरह के बंगले पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, पूर्व राज्यपालों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलते हैं, जबकि चड्ढा पहली बार के सांसद हैं। इससे पहले वे एक बार विधायक रहे हैं। इस आधार पर वे अपने को टाइप सात बंगले के योग्य मान रहे हैं। जब उनको बंगला खाली करने का नोटिस मिला तो वे अदालत में पहुंच गए और अदालत ने बंगला खाली कराने के आदेश पर रोक लगा दी। राज्यसभा आवास समिति के चेयरमैन सीएम रमेश का कहना है कि भाजपा सांसद राधामोहन दास को भी टाइप सात का बंगला दिया गया था, लेकिन उनको टाइप पांच के बंगले में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली कमेटी की ओर से किए गए आवंटन में बदलाव किया गया है और जो जिस योग्य है वह बंगला उसको दिया जा रहा है। लेकिन जल्दी ही शादी करने जा रहे राधव चड्ढा किसी हाल में टाइप सात का बंगला नहीं छोडऩा चाहते।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES