Friday, November 22, 2024
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हरेला पर्व पर कोसी नदी के पुनर्जीवन की हुई शुरुआत।

अल्मोड़ा/देहरादून 16 जुलाई (हि. डिस्कवर)

  • मुख्यमंत्री ने  शिव जी की तपस्थली रूद्रधारी से कार्यक्रम की शुरूआत की ।
  • 1 लाख 67 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया।
  • 22 जुलाई को रिस्पना में 2.50 लाख पौधे रौपे जाने का लक्ष्य रखा गया है।
 मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि जनसहभागिता से ही कोसी पुनर्जीवन अभियान सफल हो सकेगा। सोमवार को सुख, समृद्वि और हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कांटली में कोसी नदी के संरक्षण हेतु किये जा रहे वृहद वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने  कहा कि शिव जी की तपस्थली रूद्रधारी से इस पवित्र कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। 167755 (एक लाख सड़सठ हजार सात सौ पचपन) पौधों का रोपण जन सहभागिता के माध्यम से करने का कीर्तिमान स्थापित हो रहा है। प्रदेश सरकार ने देहरादून में स्थित रिस्पना नदी (ऋषिपर्णा) व ऐतिहासिक जनपद अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है। इस अभियान की शुरूआत विश्व प्रसिद्व पर्यटन स्थल कौसानी के समीप से की जा रही है जिससे इसका संदेश पूरे विश्व में फैलेगा। इसी तरह आगामी 22 जुलाई को देहरादून में रिस्पना में 2.50 लाख पौधे रौपे जाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को नदी के संरक्षण हेतु इन रोपित पौधों की 5 वर्षों तक विशेष रूप से रक्षा करने के साथ-साथ नदी की सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा।
इसके उपरान्त बाल विद्या मन्दिर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जल संरक्षण व जल संवर्द्वन के कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। परम्परागत धारे नौलों के संरक्षण पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से सरकार द्वारा चलायी जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी 27 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत आयुष्मान- उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत आच्छादित करेगी। प्रत्येक परिवार को 05 लाख रू0 वार्षिक तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड पूरे प्रदेश को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने वाला भारत में प्रथम राज्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दे रही है। आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबन्धन विभाग को सतर्क कर दिया गया है। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को आपदा से निपटने के लिए सभी व्यवस्थायें दुरूस्त रखने के साथ ही धनराशि भी आंवटित कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान काटली-पच्चीसी मोटर मार्ग के डामरीकरण करने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ पर मोबाईल टावॅर के लिए केन्द्र सरकार को अपनी संस्तुति भेजने की बात कही। उन्होंने स्व0 कमल राम आर्य को श्रद्धांजली देते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके परिवार को यथोचित सहायता उपलब्ध करायेगी। गौरतलब है कि स्व0 श्री कमल राम आर्य ने पैदल चलकर कोसी नदी के पुनर्जीवन के लिए लम्बे समय तक कार्य किया था।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भटट, महिला कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती रेखा आर्या, सहित अन्य लोगो ने सम्बोधित करते हुए इस पुनीत कार्य को सफल बनाने का संकल्प दोहराया। कोसी पुनर्जीवन अभियान के तहत आज टास्क फोर्स सेना, एस0एस0बी0, एन0सी0सी0, स्काउट, सेना, विद्यालय की छात्र-छात्रायें, महिला मंगल दलो, महिला स्वयं सहायता समूहों व स्वयंसेवी संस्थाओं एवं ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर भागीदारी कर सहभागिता की।
इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, विधायक द्वाराहाट  महेश नेगी, विधायक बागेश्वर  चन्दन राम दास, विधायक कपकोट बलवन्त सिंह भौर्याल, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, कुमाऊॅ आयुक्त  राजीव रौतेला, जिलाधिकारी श्रीमती इवा आशीष, मुख्य विकास अधिकारी  मयूर दीक्षित सहित अन्य गणमान्य लोग हजारों की संख्या में ग्रामीण व नोडल अधिकारी, इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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