थराली/ चमोली गढ़वाल 16 जुलाई 2018 (हि .डिस्कवर)
अभी भोर होने को ही थी कि गड़गड़ाहट के साथ रतगांव को जोड़ने वाला ढाडर बगड़ का पुल बह गया। जैसे ही गाढ़ा घट नदी से उभरने वाली यह भीषण आवाज आई पूर्व की आपदाओं से सबक ले चुके लोग घर दुकान छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए दौड़ पड़े।
श्रावण मास का पहला सोमवार अभी शुरु ही हुआ था कि प्रातः काल लगभग 3:15 बजे सोल क्षेत्र घाटी थराली में जल प्रलय से चमोली के ढाढर बगड क्षेत्र में भारी तबाही मचा दी। सोल घाटी की ढाढर बगड मार्केट आपदा की भेंट चढ़ गई और देखते ही देखते 8 दुकानें जलप्रलय की भेंट चढ़ गई।
रतगांव को जोड़ने वाला एकमात्र दो साल पूर्व ही बना लोहे का पुल भी इस जल प्रलय में समा गया। सोल घाटी की सड़कें जगह जगह से टूट गयी व ये कहें कि घाटी में पहुंचने के सभी मार्ग ध्वस्त हो गए है व सोल घाटी का सम्पर्क अन्य स्थानों से टूट गया है।
आपदा की ऐसी ही तबाही ढाढर बगड में 2013 में भी आयी थी उसी आपदा में तब भी ढाढर बगड़ का पुल बह गया था जो बाद में रतगांव को जोड़ने वाला पुल हाल ही में निर्मित किया गया था अब वह भी प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी इस प्राकृतिक आपदा में कोई जन हानि नहीं हुई लेकिन व्यक्तिगत व सार्वजनिक क्षति काफी हुई बताई जा रही है।इस आपदा मे सबसे ज्यादा नुकसान बुरसोल गांव के लोगों को हुआ है जिनमें गांव के दुकान स्वामी वीरेंद्र फ़र्सवाण / मदन फ़र्सवाण/ नरेंद्र सिंह / मोहन सिंह/ कैलाश चन्दोला भूमियापाणी/ विरेन्द्र सिंह रतगाँव व सरकारी भवन समेत सभी दुकानेें आपदा की भेंट चढ़ चुकी हैं।
अभी यह सही अनुमान नहीं लगाया जा सका है कि पशु हानि कितनी हुई है लेकिन 8 से 10 वाहन लापता हुए हैं जिनमें वाहन मालिक बुरसोल से दिनेश फ़र्सवाण- बुलोरो/ मुकेश फ़र्सवाण s/o बलवंत सिंह- बुलोरो/ मुकेश फ़र्सवाण s/o इन्द्र सिंह- बोलोरो/ महावीर सिंह – मैक्स/ हुक्कम सिंह- Alto 800/ सुरेन्द्र फ़र्सवाण – Pulsar / पप्पू घुँघुटी- Bike इत्यादि शामिल हैं। तीन चार और वाहनो के बहने की आशंका जताई जा रही है।उपजिलाधिकारी थराली मीणा अपनी टीम के साथ स्थलीय निरिक्षण के लिए पहुँच चुके हैं साथ में थाना प्रभारी/ पटवारी / आपदा राहत प्रबंधन की टीम विभिन्न विभागो के कर्मचारी (ग्राम्य विकास / जल संस्थान /वन विभाग / युवा कल्याण आदि मौके पर पहुंच चुके हैं।
सोल क्षेत्र की आवाज युवा संगठन ने उत्तराखण्ड सरकार से अपील की है कि शासन प्रशासन से प्रभावितो को स्थलीय निरिक्षण व सत्यापन कर मुआवजा दिलवाये ताकि गरीब दुकानदार वाहन स्वामी व किसानों को इस घड़ी में कुछ आर्थिक मदद मिल सके।
आपको बता दें कि विगत 15 जुलाई से रतगांव में भेकलताल-ब्रह्मताल महोत्सव शुरु हो चुका है ग्रामीणों द्वारा इस अवसर पर भेंकलनाग के पूजा अर्चनाये की गई! इस महोत्सव को लेकर सभी तैयारिया हो चुकी हैं व खेलप्रेमी उक्त महोत्सव मे पहुँच चुके हैं लेकिन अचानक आई इस आपदा से महोत्सव कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है व आस पास के ग्रामीण प्रशासन के साथ राहत व बचाव कार्य में जुट गए हैं। यह जानकारी शोल घाटी की आवाज युवा संगठन के अध्यक्ष डी एस नेगी द्वारा उपलब्ध कराई गई है।