Tuesday, January 14, 2025
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तो क्या टिहरी का भारत बर्ष में विलय की घोषणा से पूर्व टिहरी पर हो गया था आजाद सरकार का कब्ज़ा?

(हिमालयन डिस्कवर)

यह सचमुच वह अबूझ रहस्य है जो एक चिट्ठी ने सार्वजनिक कर दिया। शहीद नागेंद्र सकलानी की एक चिट्ठी ने इस रहस्य से पर्दा उठा दिया है कि 31 अगस्त 1949 को टिहरी राजवंश ने  आजाद सरकार जो न भारत बर्ष की थी और ना ही टिहरी रियासत की बल्कि यह आजाद सरकार टिहरी गढ़वाल की उस आम जनता की बनाई सरकार थी जिसने राजशाही के पतन की गाथा लिखी। और 15 जनवरी 1948 में टिहरी पर कब्ज़ा कर आजाद सरकार बनाये जाने की घोषणा की।

महावीर सिंह नेगी नेगी उस चिट्ठी को सार्वजनिक कर अपनी सोशल साइट पर लिखते हैं कि “एक चिट्ठी और एक शहादत, जिसने लिख दिया था, टिहरी गढ़वाल की राजशाही के पतन का इतिहास ……।

कीर्तिनगर 10 – 1 -1948
“श्रीमान संचालक जी,
हमारा काम बाकायदे चल रहा है। आज सुबह हमने कीर्तिनगर को सरकारी कर्मचारियों से खाली कर दिया है। कल शाम 7 बजे 600 आदमियों की मीटिंग करके हमने शाम को तमाम सरकारी कर्मचारियों को आदेश दिया कि वे कल कीर्तिनगर खाली कर दें, वरना हम अपनी कार्यवाही शुरू करेंगे।
सुबह होते ही एसडीओ तथा ठाकुर हुकम सिंह ने रात को ही अपना बोरिया बिस्तर बांध दिया। तमाम पुलिस तथा दूसरे कर्मचारी मोटर पर बैठकर गए। मिलिट्री जाने को तैयार थी लेकिन हमने कहा कि औजार हमारे सुपुर्द करो, तब तुम्हें जाने देंगे। फौज ने जनता के सामने सरेंडर कर दिया। अब फौज हमारे कब्जे में है और औजार उसी के पास हैं। फौज ने पूरी तरह जनता के सामने सरेंडर कर दिया है।
हमने कीर्ति नगर में आजाद सरकार बना ली है। आज कीर्तिनगर आजाद कीर्तिनगर बन गया है।

कड़ाकोट, बडियारगढ़, ढूंढसिर, अकरी, मलेथा, खास पट्टी नैलचामी, हिंदौ आदि दस, बारह पट्टियों की पंचायती सरकार बन गई है। तमाम कर्मचारी भाग गए हैं। प्रत्येक स्थान पर हमने अपने पदाधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। अब कल तारीख 11 सुबह 4 बजे हम लोग देवप्रयाग पर 200 आदमियों का जत्था और त्रिलोकीनाथ पुरवार के साथ कब्जा करने जा रहे हैं।
15 जनवरी का प्रोग्राम टिहरी पर कब्जा करने का है। आप लोग तमाम पाट्टियों में सूचना कर दें। 15 तारीख जनवरी को तमाम पट्टियों से लोग आकर टिहरी के बाजार में जमा हो जाएं। उस दिन हम टिहरी पर कब्जा करेंगे। टिहरी में वॉलिंटियर पहुंच गए हैं। वहां अनाज की बेहद कमी है। आप लोग इसका शीघ्र प्रबंध करें। कीर्तिनगर सर्किल के एसडीओ रघुनंदन प्रसाद डंगवाल एम ए, एल एल बी नियुक्त किए गए हैं। सरपंच पंडित दौलत राम हैं। पुलिस इंस्पेक्टर एक बहादुर किसान भज्जू सिंह कंडारी हैं। पुलिस तथा फौज तमाम तैनात कर दी गई है। अब आजाद सरकार कल से तमाम काम करना शुरू कर देगी।
तमाम सरकारी दफ्तरों पर पूर्ण रूप से हमारा कब्जा हो गया है। रोजाना कई सौ वालेंटियर यहां आ रहे हैं। सैकड़ों वॉलिंटियर आसपास की पट्टियों में रवाना हो गए है ” – नागेंद्रदत्त सकलानी
(सब कुछ ऐसा ही हुआ। यह चिट्ठी आजादी चाहने वालों के संगठन प्रजामंडल के संचालक को लिखी गई थी। चिट्ठी लिखने के अगले दिन (आज का दिन 11 जनवरी) नागेन्द्र सकलानी गोलीकांड में शहीद हो गए। उनकी लाश एक अन्य सत्याग्रही मोलू भरदारी की लाश के साथ टिहरी पहुंची। बिल्कुल वैसे ही जैसे चिट्ठी में लिखा गया था। 15 जनवरी को टिहरी पर जनता का कब्जा हो गया। राजशाही का पतन हो गया)
और हां, आज के ही दिन जब नागेंद्र सकलानी की शहादत हुई, तब उनकी उम्र 27 साल की थी।
फोटो – नागेंद्र सकलानी की हैंडराइटिंग में लिखी गई चिट्ठी और उनकी फोटो।

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