नैनीताल (हि. डिस्कवर)
नैनीताल के बीच हरे-भरे पहाड़ों और शांत झीलों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है, जो ‘डेस्टिनेशन टूर गाइड’ प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से नैनीताल जिले के युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र में नई दिशा देने का काम किया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से, जिसने 20 जून से 29 जून 2024 तक चला, जिसमे नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी, और सातताल के 30 उत्साही छात्रों ने अपनी शिक्षा पूरी की है। इन 30 छात्रों का पहले से ही होटल उद्योग, गाइडिंग, और टूर ट्रेवल्स में कार्य है, और यह महत्वपूर्ण प्रशिक्षण उनके कौशलों को और भी मजबूत बनाने में सहायक हुआ है। इस प्रशिक्षण में 30% से अधिक महिलाओ ने भाग लिया, जिससे मसमलंगिकता के माध्यम से समाज में उनकी भूमिका मजबूत हुई है और महिला उद्यम को बढ़ावा मिला है।
इस प्रशिक्षण का उद्घाटन समारोह में नैनीताल की विधायक श्रीमती सरिता आर्या, पर्यटन विभाग की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद, और कमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीवान सिंह रावत, डॉ रंजन, डॉ अतुल जोशी ने अपने उत्सवपूर्ण उपस्थिति से इस पहल को बढ़ावा दिया। प्रशिक्षण सत्र में कुमाऊं यूनिवर्सिटी के पर्यटन विभाग के डॉ. अशोक कुमार, इतिहास विभाग के डॉ. रितेश , मशहूर संस्कृति विशेषज्ञ डॉ. हेमंत जोशी, पत्रकारिता विभाग के डॉ. रंजन, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट ग्वालियर की डॉ. कमाक्षी, वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल, बर्ड वाचर राजीव बिष्ट, 35 साल के गाइडिंग अनुभवी अनिल तिवारी, और अन्य विशेषज्ञों ने छात्रों को अपने अनुभव से ज्ञान प्रदान किया।
इस प्रशिक्षण के दौरान, छात्रों ने साइट विज़िट पर जाकर नैनीताल चिड़ियाघर, टिफिन टॉप, सातताल, और गरुड़ताल, और पक्षी देखने का अनुभव भी किया। उन्होंने नैनीताल की धरोहर और पर्यावरण संरक्षण के सन्देश के लिए हेरिटेज वॉक और एक पर्यावरण संरक्षण रैली भी आयोजित की। समापन समारोह में, प्रत्येक स्टूडेंट को प्रमाण पत्र और सातताल के पक्षियों से सम्बंधित किताबे भी वितरित की गई।
समापन समारोह में पर्यटन विभाग की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद, पद्मश्री अनूप शाह, सेना अधिकारी कमांडर प्रह्लाद पाटिल, होटलियर प्रवीण शर्मा, और पर्यटन विभाग के डॉ अशोक ने अपनी विशेष उपस्तिथि दी । समारोह में छात्रों ने परंपरागत नृत्य, गीत, और अन्य प्रस्तुतियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इस व्यापक 10-दिने प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों ने नैनीताल की संस्कृति, इतिहास, धरोहर, और पर्यटन स्थलों का समृद्ध ज्ञान प्राप्त किया है। उन्होंने संचार, निर्णय लेने, और व्यक्तित्व विकास में आवश्यक कौशल विकसित किए हैं। अब इन 30 प्रशिक्षित गाइड्स को पर्यटकों की सेवा के लिए तैयार किया गया है, जो मौसम-ए-बहार में उनकी कार्यक्षमता का परिचय देते हैं। इस प्रशिक्षण से प्राप्त योग्यताओं से ईको पर्यटन में गाइड्स द्वारा पर्यावरणीय पर्यटन की देखभाल में मदद मिलेगी। वे अपने गहरे ज्ञान और संवादनात्मक दक्षता के साथ पर्यावरण संरक्षण के लेकर यात्रियों को बताकर उन्हें जागरूक करेंगे। इसके माध्यम से वे स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ प्रदान करते हुए पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएंगे।
इस प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि यह छात्रों के लिए मुफ्त था, जिसने उन्हें नैनीताल के पर्यटन उद्योग में उच्च स्तरीय कौशल प्राप्त करने का मौका दिया। इस प्रशिक्षण का संचालन नोडल अधिकारी पूनम चंद के परिचालन में हुआ था, जिनकी मार्गदर्शन में छात्रों ने पर्यटन उद्योग के विभिन्न पहलुओं को समझा और सीखा।गौरतललब है कि इस प्रशिक्षण का संचालन उत्तराखंड पर्यटन विभाग और पर्यटन और आतिथ्य कौशल परिषद (THSC) द्वारा किया गया।