(संकलन भीष्म कुकरेती)
भीष्म कुकरेती जी लम्बे समय से उत्तराखंड की काष्ठ एवं पाषाण कला समबन्धी आलेखों के माध्यम से जन जागरण करते आ रहे हैं। उनके लेखों में सम्पूर्ण उत्तराखंड के लोक समाज की पौराणिक विधाओं को जिन्दा रखने की छटपटाहट साफ दिखाई देती है ।उन्होंने सम्पूर्ण उत्तराखंड की पौराणिक काष्ठ कला को सोशल मीडिया के माध्यम से एक नया बड़ा प्लेट फॉर्म दिया उन्होंने बाखली, तिबारी, नीमदारी , जिंगला, इत्यादि को बखूबी अपने लेखों में स्थान दिया है। उन्ही में से एक लेख यह भी है:-
मित्र स्वदेश नेगी ने मलसैणा (कटूल स्यूं , खिर्सू पौड़ी गढ़वाल ) में प्रसिद्ध वैद्य परिवार के मकान की सूचना भेजी है। सूचना देते स्वदेश नेगी ने लिखा है कि मकान 130 साल पहले प्रसिद्ध वैद्यराज स्व पितांबर दत्त बहुगुणा के पिता जी ने निर्माण करवाया था व 60 वर्ष पहले मकान का जीर्णोद्धार कराया गया था। पथिकों के लिए यह मकान कई तरह से आश्रय देता था।
मलसैणा (कटूल स्यूं , खिर्सू पौड़ी गढ़वाल ) में प्रसिद्ध वैद्य परिवार का जंगलादार मकान दुपुर व दुखंड /दुघर है। मकान के तल मंजिल में खोली है। खोली भव्य दिखती है किन्तु छाया चित्र में छवि स्पष्ट न होने से अधिक विवरण पानं कठिन है। स्तम्भ मोटे हैं। स्वदेश नेगी ने सूचना दी है बल खोली व मकान कत्यूरी व गोरखा शैली के हैं।
मकान के पहली मंजिल में 16 या 17 खम्या जंगला बंधा है याने जंगले में 16 खाम /स्तम्भ स्थापित हैं। सभी स्तम्भ लकड़ी के छज्जे की कड़ियों के ऊपर सुस्सज्जित हैं। स्तम्भ सीधे हैं व आधार से सीधे ऊपर मुरिन्ड की कड़ी से मिल जाते हैं। आधार से दो फ़ीट के ऊपर दो स्तम्भों के मध्य लकड़ी का चौखट बिठाया गया है जिस पर धातु जंगला है। स्तम्भ का आधार लगभग दो फ़ीट तक मोटाई लिए हैं व ऐसे ही मुरिन्ड से दो-एक फ़ीट नीचे भी स्तम्भ मोटा है। मलसैणा (कटूल स्यूं , खिर्सू पौड़ी गढ़वाल ) में प्रसिद्ध वैद्य परिवार के मकान के पहली मंजिल में बाह्य बरामदे के अंदर पांच सपाट स्तम्भों से सजी तिबारी भी दृष्टिगोचर हो रही है। सभी स्तम्भों में ज्यामितीय कटान ही हुआ है।
मलसैणा (कटूल स्यूं , खिर्सू पौड़ी गढ़वाल ) में प्रसिद्ध वैद्य परिवार का मकान भव्य प्रकार का मकान है व ज्यामितीय कटान से ही मकान में भव्यता लायी गयी है जो प्रशंसनीय है। वर्तमान में वैद्यराज स्व पीतांबर दत्त बहुगुणा के पोते सुबोध बहुगुणा मकान की भली भांति देखरेख कर रहे हैं।