Thursday, November 21, 2024
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उत्तराखंड के सुनील नेगी व मेघना धूलिया लड़ रहे हैं प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया की मैनेजमेंट कमिटी का चुनाव। 23 सितंबर को होंगे मतदान।

नई दिल्ली (हि. डिस्कवर)

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की मेघना धूलिया व स्वतंत्र पत्रकार सुनील नेगी इस बार गौतम -मनोरंजन – नीरज -महताब व मोहित के पैनल से पीसीआई की मैनेजमेंट कमिटी के चुनाव में प्रत्याक्षी हैं। इस पैनल में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के शीर्ष घरानों के पत्रकार चुनावी मैदान में हैं।

ज्ञात हो कि प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष उमाकान्त लखेड़ा का कार्यकाल पूरा होने के कारण पीसीआई के नये अध्यक्ष पदाधिकारियों व मैनेजमेंट कमिटी के नये चुनाव होने की विधिवत घोषणा हुई और अब आगामी 23 सितम्बर शनिवार को मतदान किया जायेगा।

गौतम -मनोरंजन – नीरज -महताब व मोहित के पैनल से पीसीआई की मैनेजमेंट कमिटी का चुनाव लड़ रहे उत्तराखंड मूल के वरिष्ठ पत्रकार सुनील नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पैनल का मुख्य लक्ष्य मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा और विस्तार करना है।यह टीम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए में व्यक्त मीडिया की स्वतंत्रता को अक्षरश: बनाए रखने और उसकी रक्षा करने में सबसे आगे रहेगी, जो नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

उन्होंने कहा कि हमारे पैनल में गौतम लाहिरी (स्वतंत्र पत्रकार) अध्यक्ष , मनोरंजन भारती (एन डी टीवी) उपाध्यक्ष, नीरज ठाकुर (द प्रॉब) महासचिव, मोहम्मद महताब आलम (द वायर) संयुक्त सचिव, मोहित दुबे (न्यूज़ नेशन) कोषाध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं। जबकि मैं, मेघना धूलिया (टाइम्स ऑफ़ इंडिया) प्रज्ञा सिंह (न्यूज़ क्लिक), सुरभि कांगा (The Caravan), विनीता ठाकुर (ऑल इंडिया रेडिओ), अनीश कुमार (एशियानेट न्यूज़), मयंक सिंह (द न्यू इंडियन एक्सप्रेस), जतिन गाँधी (जागरण न्यूज़ मीडिया), आशीष गुप्ता (असोमिया प्रतिदिन), एन आर मोहन्ति (स्वतंत्र पत्रकार), मानवेन्द्र वशिष्ठ लव (पीटीआई), रविन्द्र कुमार (सीएनएन न्यूज़ 18), शंकर आनंद (नेटवर्क 18), अशरफ अली (एशिया टाइम्स / उर्दू), तेलाप्रोलू श्रीनिवास राव (टीवीएस तेलगु) व अब्दुल बरी मसूद (सालार उर्दू दैनिक) सभी मैनेजमेंट कमिटी का चुनाव लड़ रहे हैं।

सुनील नेगी बताते हैं कि उनका पैनल विभिन्न कानूनों के तहत पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ मुहिम का नेतृत्व करेगा, जिनका इस्तेमाल चुप कराने के लिए तेजी से किया जा रहा है। हमारा मानना है कि यह फेडरेशन ऑफ प्रेस क्लब को पुनर्जीवित करेगा, जो भारत के सभी प्रेस क्लबों का एक समूह है जो अपने-अपने अनुसार नियमित चुनाव कराते हैं।और मीडिया की स्वतंत्रता और पत्रकारों के अधिकारों का प्रचार करना और पत्रकारों को अपना काम करने के लिए राज्य द्वारा बलपूर्वक कार्रवाई से बचाना, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में के पत्रकार साथियों के लिए हम बेहद सजगता के साथ उनके अधिकार व कर्तब्यों के अनुपालन की वकालत करते हैं।

हम इस टीम के तहत, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया भारत में मीडिया कानूनों में सुधार के लिए एक रूपरेखा विकसित करने के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे।

अनुच्छेद 19 (1) ए के तहत कल्पना की गई मीडिया स्वतंत्रता के विस्तार के लिए स्व-नियमन।

सुनील नेगी बताते हैं कि उनका पैनल प्रिंट मीडिया से परे अपना दायरा बढ़ाने के लिए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट, 1955 को मजबूत करने के तरीकों की जांच करेगा। यह स्वतंत्र पत्रकारों और YouTubers सहित पत्रकारों की मौजूदा जबरदस्ती कानूनों, आगामी प्रेस विनियमन अधिनियम या विचाराधीन सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021, या किसी भी अन्य भविष्य के कानून से सुरक्षा के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिससे मीडिया का दमन हो सकता है। यह राज्य द्वारा अभियोजन का सामना कर रहे पत्रकारों को सहायता प्रदान करने के लिए एक कानूनी सेल बनाएगा।

अपस्किलिंग और कार्यस्थल विकास-

यह टीम तथ्य-जांच, डेटा और मोबाइल पत्रकारिता, दृश्य पत्रकारिता (ओएसआईएनटी) और मीडिया कानूनों जैसे विशेषज्ञ क्षेत्रों में पत्रकारों के कौशल को बढ़ाने के लिए नियमित कार्यशालाएं/सेमिनार आयोजित करेगी।

यह प्रसारण/श्रव्य-दृश्य पत्रकारों के लिए पीसीआई मीडिया सेंटर की तर्ज पर एक कार्य स्थान विकसित करेगा।

संस्थागत स्वायत्तता

उन्होंने कहा कि पैनल की यह टीम यह सुनिश्चित करेगी कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया किसी भी राजनीतिक दल/गतिविधि से संबद्धता के बिना स्वायत्त बना रहे। विविधता को प्रोत्साहित करके ही संस्थागत स्वायत्तता को मजबूत किया जा सकता है। इसे प्राप्त करने के लिए, टीम अपने सदस्यता अभियान का संचालन करते हुए अधिक से अधिक लिंग, जाति और क्षेत्रीय समावेशिता प्राप्त करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करेगी।इसमें फीडबैक प्राप्त करने के लिए क्लब के युवा सदस्यों और उसके पदाधिकारियों के बीच मासिक बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव है।

क्लब के कामकाज के संबंध में और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित एक उभरते मीडिया परिदृश्य को आकार देने के प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना भी शामिल है। संस्थागत स्वायत्तता को मजबूत करने के लिए उर्दू सहित गैर-अंग्रेजी भाषा की पत्रकारिता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। टीम गैर-अंग्रेजी भाषा पत्रकारिता के सभी रूपों को अधिक दृश्यता प्रदान करने के लिए कदम उठाएगी।

यह प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के कामकाज में सुधार के लिए सुझाव प्रस्तुत करने के लिए एक कामकाजी तंत्र विकसित करेगा।

श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण

उन्होंने कहा कि उनके पैनल के चुनावी घोषणा पत्र में उपरोक्त के अलावा यह टीम सभी मीडियाकर्मियों के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम करेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के कर्मचारियों के अधिकारों का कोई हनन न हो और कोई निजीकरण न हो। यह अनुभवी पत्रकारों और समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आने वाले लोगों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा सहायता प्रणाली विकसित करने के रास्ते तलाशेगा। यह शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करेगा।पत्रकारों द्वारा, पत्रकारों के लिए और पत्रकारों की एक टीम जो कि मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा करें, संस्थागत स्वायत्तता बनाए रखें, श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करें।

बहरहाल पीसीआई के चुनाव में उतरे इस पैनल में बहुत सारे चेहरे वर्तमान की पत्रकारिता के चमकते चेहरे कहे जा सकते हैं, साथ ही साथ वे चेहरे भी शामिल हैं जिन्होंने दशकों तक अपनी पत्रकारिता की धमक व बिशेष लेखों के माध्यम से लोक तंत्र के चौथे स्तम्भ में बंधकर समाज व देशहित की पत्रकारिता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ज्ञात हो कि वरिष्ठ पत्रकार सुनील नेगी अपने जमाने के सदाबहार अभिनेता राजेश खन्ना के तब मीडिया सलाहकार रहे हैं जब वे सांसद बने।

पीसीआई के इस चुनावी समर की शह मात की कहानी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है क्योंकि आगामी 23 सितम्बर को मतदान होना है। यह पैनल पूर्ण आश्वास्त है कि वे चुनाव जीत रहे हैं।

प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया की बात करे तो वर्तमान में क्लब में लगभग 4,200 सक्रिय पत्रकार सदस्य, 900 सहयोगी सदस्य और उत्तर प्रदेश सरकार और पेप्सी सहित कुछ दर्जन कॉर्पोरेट सदस्य हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का सालाना राजस्व 9 करोड़ रुपये से ज्यादा है। 

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