Monday, December 23, 2024
HomeUncategorizedमानसून की मार : सड़ी-गली हालत में देरी से मंडी पहुंच रही...

मानसून की मार : सड़ी-गली हालत में देरी से मंडी पहुंच रही हैं फल और सब्जियां

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश और बाढ़ के कारण दिल्ली में फल और सब्जियां देरी से सड़ी-गली हालत में बाजार में पहुंच रही है। जिसको लेकर व्यवसायी परेशान हैं। एशिया की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी में फल और सब्जियों की कीमतें कम हो रही हैं, लेकिन वहीं, स्थानीय बाजारों में कीमत नहीं घटी हैं।

आढ़तियों (व्यवसायियों) का कहना है कि देर से डिलीवरी होने के कारण फल और सब्जियां सड़ी-गली हालत में आ रही हैं। इससे ग्राहकों की संख्या में कमी आई है। कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) के अनुसार, शुक्रवार सुबह 10 बजे तक आजादपुर मंडी में 1,400 वाहन आए, जो पिछले दो दिनों की तुलना में कम है। सोमवार को 4,100 वाहन थे, जबकि मंगलवार और बुधवार को मंडी में 4,000 वाहन ही आए। वहीं गुरुवार को यह संख्या घटकर 3550 रह गई। आंकड़े बताते हैं कि मंडी में करीब 500 से 600 ट्रक देरी से पहुंच रहे हैं।

आढ़तियों ने कहा, बारिश, बाढ़ और ट्रैफिक जाम से सड़े हुए उत्पाद मंडी आ रहे हैं, जिससे वह कुछ ही घंटों में खराब हो जातेे हैं जिससे नुकसान होता है। इसको लेेेकर मंडी में कीमतें कुछ कम हुई हैं। मगर स्थानीय बाजार ऊंची कीमतों पर ही सामान बेच रहे हैं। एक स्थानीय व्यवसायी मुकेश शर्मा ने कहा, कोई भी हमारे सड़े उत्पादों को खरीदने को तैयार नहीं है और सब्जियों की कमी के कारण स्थानीय बाजार में कीमतें ऊंची हैं। जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। जोगिंदर पाल एंड संस के सचिन अरोड़ा ने बताया कि बारिश से उनका कारोबार प्रभावित हुआ है क्योंकि आजादपुर मंडी में कम लोग आ रहे हैं।

अरोड़ा ने कहा, सडक़ें बंद हैं, और सोलन (हिमाचल प्रदेश) से आने वाले ट्रकों को कुंडली सीमा और बाईपास क्रॉसिंग पर रोक दिया गया है। चालक बाधाओं के कारण डिलीवरी करने को तैयार नहीं हैं। टमाटर की दरें 150 से 120 रुपये तक कम हो गई हैं, व्यापार में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय बाजार में डिलीवरी कम होने के कारण कीमतें ऊंची हैं, जिसके भविष्य में कम होने की संभावना है। आढ़ती जोगिंदर ठाकुर ने कहा कि बारिश के कारण सड़े-गले उत्पाद आ रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण ट्रक हिमाचल में फंस गए थे, लेकिन अब वे कृषि उपज बाजार समिति तक पहुंच रहे हैं। वही, टमाटर की कीमत दो दिन पहले की तुलना में कम है।

प्याज बेचने वाले सत्यम यादव ने बताया कि बारिश के कारण आजादपुर मंडी में सब्जियों की डिलीवरी कम रही, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा, पहले अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज की कीमत 12-15 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच थी, लेकिन अब यह 20-25 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। एक अन्य आढ़ती मनोज कुमार यादव ने बताया कि बारिश से कारोबार पूरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्हें 50 से 60 ट्रकों की डिलीवरी मिलती थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर 40 रह गई है, जो बिक्री में कमी का संकेत है।

आढ़ती दीपक सैनी ने बताया कि भारी बारिश के कारण डिलीवरी कम हुई। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के कारण उत्पाद सड़े हुए आ रहे हैं। उन्होंने कहा, हम परेशान हैं, क्योंकि उत्पाद सड़ गए हैं। इसके अलावा, हम बारिश से दूसरे राज्यों में ग्राहकों उत्पाद भेजने में असमर्थ हैं, जिससे हमारी परेशानी और बढ़ गई है। एक अन्य आढ़ती शाहबाज खान ने कहा कि बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम के कारण ट्रक पांच से छह घंटे देरी से पहुंच रहे हैं और कुछ ट्रक सीमाओं पर फंस गए हैं, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।

शरवन कुमार और यतिन कुमार एंड कंपनी के शरवन कुमार मलिक ने कहा कि वह जो उत्पाद बेच रहे थे, वे सडक़र काले हो गए थे। उन्होंने  कहा, पिछले दो दिनों से कम ट्रक आ रहे हैं, और ट्रक सीमाओं पर रुके हुए हैं। देर से डिलीवरी के कारण, हमें पूरी कीमत नहीं मिलती है। मैं आम, सेब और प्लम बेचता हूं। पहले इन फलों की कीमत 100 रुपये प्रति नग (बॉक्स) थी, लेकिन अब यह 150 से 200 रुपये के बीच पहुंच गई है।

एपी प्रोड्यूस के बैजनाथ शर्मा ने बताया कि उनके ग्राहक बारिश के कारण पिछले दो दिनों से मंडी नहीं आ रहे हैं, जिससे उनके व्यवसाय पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा, मेरा पूरा गोदाम भरा हुआ है, लेकिन बिक्री कम है। मैं नारियल का थोक विक्रेता हूं, और जब मुझे डिलीवरी मिल रही है, तो बिक्री कम है। पिछले पांच वर्षों में बाजार अपने निचले स्तर पर गया है।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES