नई दिल्ली। महाराष्ट्र नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताकर दिल्ली की एक महिला डॉक्टर से 4.47 करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। जालसाजों ने खुद को महाराष्ट्र नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बता कर ड्रग्स के धंधे का पैसा होने का दावा कर कार्रवाई करने की धमकी दी। शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस की पांच टीम आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। पेशे से डॉक्टर 65 वर्षीय डॉ. पूनम राजपूत ने अपनी शिकायत में बताया कि पांच मई की सुबह 10:39 बजे उसके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को फेडेक्स कंपनी का कर्मचारी बताया। उसने बताया कि आपका पार्सल जब्त कर लिया गया है।
पार्सल में उनका पासपोर्ट, बैंक से जुड़े दस्तावेज, दो जोड़ी जूते, 140 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स है। उसने दावा किया कि पार्सल को मुंबई से ताइवान के लिए 21 अप्रैल को क्रेडिट कार्ड से 25 हजार रुपये में बुक किया गया था। डाक्टर ने बताया कि उन्होंने इसे बुक किया है। इस पर फोन करने वाले ने उसे अंधेरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा। उसने फोन एक निरीक्षक स्मिता पाटिल को ट्रांसफर कर दी। निरीक्षक ने उन्हें ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा। साथ ही स्काइप एप डाउनलोड करने के लिए कहा।
उसके बाद निरीक्षक पाटिल पीड़िता से स्काइप आइडी पर जुड़ी। यह कॉल मुंबई अंधेरी ईस्ट साइबर क्राइम नाम की प्रोफाइल से स्काइप आया। महिला डॉक्टर से अपना बयान देने के लिए कहा। साथ ही पीड़िता से कहा गया कि उनके आधार कार्ड पर मुंबई में 23 बैंक खाते खोले गए हैं। मनी लॉन्डिंग का शक है। महिला निरीक्षक ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी।
उसके बाद जालसाजों ने बैंक अकाउंट में पैसे की जानकारी और स्क्रीन शॉट देने के लिए कहा। डरी सहमी महिला डॉक्टर सारी जानकारी देती रही। उन लोगों ने फिक्स्ड डिपाजिट को तोड़ने के लिए कहा। डाक्टर ने 1.15 करोड़ की फिक्स्ड डिपाजिट तुड़वा दी। इसके बाद डाक्टर से खुद को पुलिस उपायुक्त बताकर एक शख्स ने बात की। डाक्टर से आरटीजीएस फार्म भरने को कहा गया। उसके बाद महिला डॉक्टर से नई स्काइप आइडी पर रिजर्व बैंक का अधिकारी बताने वाला भी जुड़ा। उसने कहा कि उनके खाते में जमा पैसा अपराध का है और उसे आरबीआई के खाते में ट्रांसफर करना होगा। सत्यापन के बाद रकम वापस होगा।
इसके लिए मुंबई पुलिस के लेटर हेड पर एक शिकायत भी डाक्टर को भेजी गई। उसके साथ आरबीआई का पत्र भी था। जिसमें पैसे किस खाते में भेजे जाने हैं उसकी जानकारी थी। फिर डाक्टर ने 4.47 करोड़ रुपये भेज दिए। पैसे आने के बाद जालसाजों ने सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार करने के लिए कहा। काफी दिन इंतजार करने के बाद पीड़िता ने पुलिस से इसकी शिकायत की।