(वरिष्ठ पत्रकार वेद उनियाल की कलम से)
हिंदुओं ने इस देश में अपनी कैसी दुर्दशा कर रखी है कि कश्मीरी पंडितों के दुख दर्द पर एक फिल्म को लेकर एक मुख्यमंत्री सदन में मजाक बनाता है। खी-खी हंसता है उसके चापलूस मंत्री विधायक भी खी खी करते हैं।
दिमाग में गंदी सोच यह है कि उसे खी-खी करते देख मुसलमान खुश होंगे और वोट देंगे। लेकिन अब पढा लिखे मुसलमान और हिंदू इन दायरों से ऊपर उठ रहे हैं। लेकिन उनकी लड़ाई थोड़ी कठिन है। खासकर तब जबकि इस देश में आतंकियों को मासूम और सैनिको का अपमान करने वाली फिल्मों को टैक्स माफ कर दिया जाता है। सूर्य मंदिर को नरक कुंड बताने वाली फिल्में अवार्ड की दौड़ में रहती है। घटिया फिल्म समीक्षक ऐसी फिल्मो को स्टार अंकित करते रहे।
कश्मीर फाइल्स फिल्म कोई आम फिल्म नहीं उस दौर का इतिहास है जब हिंदूओ पर कश्मीर पर बर्बर अत्य़ाचार हुआ है। बलात्कार के बाद महिलाओं को आरी से काटा गया था। एक हजार से ज्यादा हिदुओं का कत्ल हुआ था। उन्हें घर से सब कुछ छोड़ भागना पडा था। किसी फिल्म को टैक्स फ्री करना या न करना मुख्यमंत्री और उनकी सरकार का अधिकार है।
लेकिन घमंड में चूर और मुस्लिम वोटों पर नजर में कोई मुख्यमंत्री बावला हो जाए यह शोभा नहीं देता । गरिमामय सदन मे खी-खी करके हसे यह उसके संस्कारों की झलक है। खासकर वो मुख्यमंत्री जो दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के पांव छू छूकर राजनीति में आया हो। अन्ना कहां गए मालूम नहीं लेकिन गहरी सियासत वाले इस आम से बेहद खास बन चुके आदमी की हसी खतरनाक है। यही कहा जा सकता है कि
इस सदी में तेरे होंठो पे तबस्सुम की लकीर ।
हंसने वाले तेरा कलेजा पत्थर का होगा।
फ्री वालों सभलों आगे का जीवन बहुत कठिन होगा।
इन फिल्मों को दिल्ली सरकार ने किया टैक्स फ्री
केजरीवाल सरकार ने दिसंबर 2021 में फिल्म ’83’ को टैक्स फ्री किया था। रणवीर सिंह की यह फिल्म 1983 क्रिकेट विश्वकप में भारत की जीत पर आधारित है। अक्टूबर 2019 में अरविंद केजरीवाल ने तापसी पन्नू की फिल्म ‘सांड की आंख’ को टैक्स फ्री किया था। 2016 में स्वरा भास्कर की फिल्म ‘निल बट्टे सन्नाटा’ को भी टैक्स फ्री घोषित किया गया था।