Monday, July 14, 2025
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नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे हरिद्वार, गंगा आरती में हुए शामिल।

हरिद्वार (हि. डिस्कवर)।

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पूर्व जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित टपकेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा अर्चना की वहीं गुरुद्वारे में मत्था टेककर अरदास भी की। यह पहला मौका था जब प्रदेश की 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित एक भव्य समारोह में शपथ ग्रहण करने से पूर्व मन्दिर व गुरुद्वारे में पूजा अर्चना की व उसके बाद शान्यकाल को हरिद्वार पहुंचकर गंगा आरती कर माँ गंगा के पवित्र जल का आचमन किया।

ज्ञात हो कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम धामी ने हरिद्वार पहुंचकर गंगा आरती में शिरकत की। हरकी पैड़ी पर पूजन व आरती के बाद सीएम धामी जगतगुरु शंकराचार्य रावाजर के आश्रम आशीर्वाद लेने पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे हैं. यहां उन्होंने हरकी पैड़ी पर गंगा आरती में शिरकत करके मां गंगा से आशीर्वाद लिया।

वहीं, हरकी पैड़ी पर पूजन व आरती के बाद सीएम धामी जगतगुरु शंकराचार्य रावाजर के आश्रम आशीर्वाद लेने पहुंचे। हरकी पैड़ी पर गंगा आरती करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए सीएम धामी ने कहा कि एक बार भी बीजेपी के उत्तराखंड की देवतुल्य जनता का आशीर्वाद मिला है। वहीं, पहली बार एक मिथक टूटा है, और प्रचंड बहुमत के बीजेपी दोबारा सत्ता में आई है।ऐसे में आने वाला समय उत्तराखंड का हो और मां गंगा का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।उन्होंने कहा कि बीते पांच महीनों के कार्यकाल के उन्होंने जिस तरह कार्य किये हैं अगले पांच साल में भी उस तरह से तमाम कार्य किये जाएंगे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी की शुरुआत करने जा रहे पुष्कर सिंह धामी आज शपथ ग्रहण समारोह के बाद हरिद्वार पहुंचे. जहां उन्होंने हरकी पैड़ी पहुंचकर गंगा आरती में शिरकत की और मां गंगा का आशीर्वाद लिया और साथ ही इस मौके पर सीएम धामी ने साधु-संतों से मुलाकात भी की।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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