(मनोज इष्टवाल)
यह देखना सचमुच अद्भुत था क्योंकि जिन सतपाल महाराज व उनके पुत्रों को देखकर दुनिया भर के उनके अनुयायी श्रद्धा व भक्ति भाव से सिर झुकाकर नतमस्तक हो जाया करते हैं, उन्हीं सतपाल महाराज के दोनों पुत्र क्रमशः श्रद्धेय रावत व सुयश रावत आज पूरे विधान सभा क्षेत्र में चर्चा का बिषय बने रहे।
चौबट्टाखाल से विधान सभा के उम्मीदवार सतपाल महाराज के चुनाव प्रचार हेतु गए उनके जेष्ठ पुत्र श्रद्धेय रावत ने मयलगांव, गडरी, कोला, पणिया जयकोट और जजेड़ी में जनसम्पर्क किया। वहीं उनके छोटे पुत्र सुयश रावत ने भी अनेक गांवों में जनसम्पर्क कर अपने पिता सतपाल महाराज के लिए बोट मांगे। यहां जहां-जहां भी उनका परिचय होता तो बुजुर्ग माताएं उन्हें गले लगा लेती। इस अद्भुत प्रेम स्नेह से गदगद दोनों भाइयों का कहना है कि जीवन भर उन्होंने जाने जिंदगी की कितनी ऊंचाइयां देखी हैं लेकिन ये कभी नहीं सोचा था कि उनके गांव में ग्रामीण उन्हें इतना स्नेह व प्यार-दुलार लुटाएंगे। बेहद भावुक शब्दों में श्रद्धेय रावत कहते हैं कि हमारे सिर पर स्नेह आशीष का आशीर्वाद देती हमारी दादी-ताई-चाचियां और फूफू बुआएँ भले ही अलग अलग गांव अलग अलग जातियों की हों लेकिन ऐसा प्यार जिसका कोई मोल नहीं है वह उन्हें प्राप्त हुआ।
वहीं छोटे पुत्र सुयश रावत बताते हैं कि हार जीत चुनाव में लगा रहता है। और उन्हें उम्मीद भी है कि इस सीट से यहां की जनता का आशीर्वाद उनके परिवार व पिता जी पर बना रहेगा लेकिन जो हाथ आशीर्वाद के लिए उनके सिर पर रखे गए वे शायद माँ दीवा के प्रताप व कुलदेवी की असीम कृपा से मिले। ऐसा प्यार अक्सर भावुक कर देना वाला होता है। वह भी तब जब..हम ग्रामीण परिवेश में अपनों को मिलते हैं व बदले में उन्हें मातृशक्ति का अथाह स्नेह व दुलार प्राप्त हो। उन्होंने कहा सिर्फ चुनाव तक ही हमारी जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती। अब तक ऐसा लगता है कि हर माह गांव आऊँ और हर उस गांव का भ्रमण करूँ जहां-जहां हम प्रचार कर रहे हैं। ग्रामीणों की यह मिठास उनके लिए अमृत सम्मान है।
वहीं श्रद्धेय व सुयश के व्यवहार से गदगद ग्रामीण समाज व मातृशक्ति यह सोचने को विवश है कि क्या ये सचमुच बड़े महलनुमा आवासों में पले बड़े हुए महाराज जी के पुत्र हैं। श्रीमति दौंथि देवी कहती हैं। लोग कहते थे कि सतपाल महाराज आम लोगों से बात नहीं करते। उनकी पत्नी अमृता रावत नाक में मक्खी नहीं बैठने देती लेकिन मेरी 72 साल की उम्र में जो मेरे अनुभव हैं उसके हिसाब से तो इनसे मिलनसार तो कोई हो ही नहीं सकता। खामख्वाह यूँही किसी के बारे में अफवाह फलाना ठीक नहीं। पास ही बैठी रुक्मणी देवी कहती हैं- अहा दोनों भाई तो ऐसे लगते हैं जैसे राम लक्ष्मण हों। काश..हमसे कोई दोनों बहुओं को भी मिला देते तो एक हसरत और पूरी हो जाती लेकिन सुना है कि वे दोनों तो राजघराने की राजकुमारियाँ हैं।
ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग कर रहे हमारे मित्र बताते हैं कि जहां एक ओर चुनाव प्रचार जोरों पर हैं वहीं दूसरी ओर फिर मौसम नासाज लग रहा है।
चुनाव प्रचार के दौरान सतपाल महाराज ने क्या-क्या कहा।
◆ प्रदेश का विकास भाजपा ने किया है, भाजपा ही करेगी: महाराज।
◆राज्य की भाजपा सरकार ने 24 हजार सरकारी पदों पर की है भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ।
राज्य के विकास की जिस अवधारणा को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड का निर्माण किया, अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसे संवारने का काम कर रहे हैं।
उक्त बात भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, आध्यात्मिक गुरु और चौबट्टाखाल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अपने क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान कही। उन्होने कहा कि उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। राज्य में डबल इंजन की सरकार के कारण करीब एक लाख करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है।
सतपाल महाराज ने मंगलवार को एकेश्वर मण्डल के अन्तर्गत किरखू, सासौं, बुडौली, मासौं, मसैटा और चोपणयों (पाबौ) आदि क्षेत्रों में जनसम्पर्क के दौरान भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने हेतु ऑलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत 889 कि०मी० लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास हेतु ₹ 11,700 करोड़ की लागत से कार्य प्रारम्भ किये। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक ₹ 16,216 करोड़ रुपये की लागत से ब्रॉड गेज रेल लाइन का विकास किया जा रहा है। युवाओं को रोजगार देने के लिए हमारी सरकार ने 24 हजार सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की। इससे पूर्व विभिन्न विभागों, क्षेत्रों में आठ लाख से अधिक रोजगार लोगों को दिए गए हैं।
सतपाल महाराज ने भाजपा सरकार में उनके द्वारा चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा क्षेत्र में विभिन्न पर्यटन योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है। अनेक स्थानों पर पर्यटक आवास गृह का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में 2267.20 लाख की लागत से पर्यटन के अनेक कार्य किये जा रहे हैं।
उन्होने बताया कि अमोठा, सिमरखाल, पिनानी एवं पांग में 75 लाख की लागत से ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना की गई है। 24 पंचायत भवन स्वीकृत किए गए हैं। पूरे चौबट्टाखाल क्षेत्र में विकास की गंगा बह रही है और सतपुली और स्यूंसी झील की स्वीकृति मिलने के बाद अब यह क्षेत्र पर्यटन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सतपाल महाराज की पत्नी और पूर्व मंत्री श्रीमती अमृता रावत ने एक ओर विधानसभा क्षेत्र के सीली मल्ली, रसिया महादेव और वीरोंखाल में तो उनके जेष्ठ पुत्र श्रद्धेय रावत ने मयलगांव, गडरी, कोला, पणिया जयकोट और जजेड़ी में जनसम्पर्क किया। वहीं उनके छोटे पुत्र सुयश रावत ने भी अनेक गांवों में जनसम्पर्क कर अपने पिता सतपाल महाराज के लिए बोट मांगे। इस दौरान सभी स्थानों पर भाजपा के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भी इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे।