नई दिल्ली/ देहरादून (अविकल थपलियाल)।
उत्त्तराखण्ड कांग्रेस में गुरु-चेले की जंग ने नया मोड़ ले लिया है। गुरु यानि हरीश रावत और चेला मतलब रंजीत रावत। दोनों का 35 साल पुराना साथ 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद टूट गया था।
इन सालों में कोई दुआ सलाम नहीं। अलबत्ता दोनों खेमे के बीच तू तू मैं मैं का खेल सभी ने देखा।
ताजी जंग रामनगर सीट को लेकर हो रही है। हरीश रावत इस सीट से लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन चेले रंजीत रावत भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके है। रंजीत 2017 में रामनगर से चुनाव लड़ चुके हैं।
हाल ही में, हरीश रावत रामनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फोन कर मन टटोल रहे हैं। यह कह रहे हैं कि पार्टी उन्हें रामनगर से लड़ाना चाहती है। लेकिन कार्यकर्ता हरीश रावत को साफ मना करते हुए रंजीत रावत के पक्ष में खड़े नजर आ रहे है।
इस बातचीत के हरीश रावत के ऑडियो भी वॉयरल हो रहे हैं जिसमें वे रामनगर से चुनाव लड़ने की बात कह रहे है लेकिन कार्यकर्ता रंजीत को सपोर्ट करने की बात कह रहे हैं।
गौरतलब है कि रामनगर में चुनाव लड़ने को लेकर गुरु और चेले की 17 जनवरी को दिल्ली में ढाई घण्टे तक आमने सामने बैठक हो चुकी है। इस बैठकी में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे भी मौजूद रहे। रंजीत रावत को सल्ट विधानसभा शिफ्ट होने के लिए भी कहा गया। लेकिन रंजीत रावत ने कहा कि वे रामनगर से ही चुनाव लड़ेंगे। टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय लड़ेंगे । इसके अलावा फोन पर भी रामनगर सीट को लेकर अपने अपने मत का आदान प्रदान हो चुका है।
Audio Player
बहरहाल, रामनगर के कांग्रेसियों की राय तलाशने में लगे हरीश रावत फोन पर साफ कह रहे हैं कि अगर पार्टी लड़वायेगी तो लड़ना पड़ेगा। लेकिन रंजीत समर्थक कह रहे कि हरीश जी आप चुनाव प्रचार में आइए, इस बार तो रामनगर से रंजीत को सपोर्ट करेंगे।
पुराने गुरु-चेले का रामनगर सीट को लेकर शुरू हुई महाभारत सुर्खियों में है। पूर्व सीएम हरीश रावत के लिए एक अदद सीट की व्यवस्था करना हाईकमान के लिए भी गर्म दूध बन गया है…