(मनोज इष्टवाल)
ये उन दिनों की बात है….! खैर गीत की अगली पंक्ति लिखना ठीक नहीं है लेकिन सच भी यही है कि डॉ हरक सिंह रावत के बेहद निकटवर्ती व बड़े भाई कहे जाने वाले उमेश शर्मा काऊ ने आखिर उस पल का खुलासा आज तब कर ही दिया जब वे पार्टी ऑफिस में चुनाव सिम्बल लेने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि मैं व डॉ हरक सिंह रावत साथ-साथ देहरादून से दिल्ली के लिए निकले थे। दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचते ही अचानक डॉ हरक सिंह बोले कि उन्हें अभी घर जाना है तो मैं बोला -जाओ….! इस से आगे क्या हुआ आप खुद ही सुन लीजिए-
https://youtu.be/9FvuGSY_XZg
उमेश शर्मा ‘काऊ’ के चेहरे में डॉ हरक सिंह रावत जैसे मित्र समान भाई के पार्टी से जुदा होने का दर्द साफ दिख रहा था। वे बोले- पिछले तीन महीनों में मैंने उन्हें कई बार समझाया और ऐसा नहीं कि उन्होंने मुझे सलाह नहीं दी। उन्होंने हमेशा उन्हें अच्छी सलाह दी है। आज पार्टियां बदल गयी पार्टी विचार धारा में बदलाव आना जरूरी है।
यह पूछे जाने पर कि डॉ हरक सिंह रावत कह रहे हैं कि उमेश शर्मा काऊ ने उन्हें धोखे में रखा तब काहू बोले- ये तो मेरी या उनकी आत्मा जानती है या फिर ऊपरवाला जानता है। इस से ज्यादा मैं कुछ क्या बोलूं। रायपुर विधान सभा क्षेत्र से डॉ हरक सिंह रावत के उनके विरुद्ध खबर लड़ने की खबर पर वे बोले- एक परिवार में भाई-भाई आपस में लड़ भी जाया करते हैं। अब वे मुझे हराएंगें या मैं उन्हें हराऊंगा यह जनता तय करेगी। मेरी उनके साथ शुभकामनाएं हैं।