(मनोज इष्टवाल)
लो साहिब…..सबसे सॉफ्ट टारगेट है उत्तराखंड की भोली-भाली जनता। विगत दिवस केजरीवाल आये रैली की और आज कोरोना पॉजिटिव घोषित होकर लमलेट हो गए। अब सोचना यह होगा कि जिस जहाज से दिल्ली के मुख्यमंत्री देहरादून आये उसके सहपाठी, जितनों से उन्होंने हाथ मिलाया उतने लोग, जितनों के साथ मंच शेयर किया वे सभी नेता। जितने पत्रकारों ने हाथ मिलाकर फोटो खिंचवाई वो सभी मीडियाकर्मी और जाने क्या – क्या….!
उत्तराखंड राज्य विधान सभा चुनाव के द्वार पर खड़ा है और ऐसे में आये दिन ये सभी लोग जिनका जिक्र मैने ऊपर किया है। अक्सर लोगों से मिलेंगे फूल माला पहनेंगे। फोटो खींचेंगे, मंच साझा करेंगे और जाने क्या क्या करेंगे। क्या….राजनेताओं के लिए कोरोना बचाव की कोई प्रतिबंधिता नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ओमिक्रोंन कोरोना पॉजिटिव निकले। वे बिना मास्क के मंच पर सभी से मिले व जाने सैकड़ों के साथ मिलते रहे होंगे। ऐसे में क्या उत्तराखंड सरकार उस हर व्यक्ति का स्वास्थ्य परिक्षण करेगी।
सबसे बड़ा प्रश्न तो यह है कि क्या आप नेता कर्नल अजय कोटियाल भी आइसोलेट किये जायेंगे ? या फिर वह स्वयं अपना चेकअप करवाएंगे व अन्य मंच साझा करने वाले लोग भी। मीडियाकर्मी भी व आम जन भी जो, जो केजरीवाल के नजदीक गए?
बड़ा प्रश्न यह उठता है कि क्या देश के सभी नेताओं को इतनी छूट है कि वे बिना मास्क के जनरैलियाँ करें व बिंता स्वास्थ्य जांच के मंचों पर जाएं और पॉजिटिव पाए जाने पर जनता को भयभीत करें? प्रश्न यह भी है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ओमीक्रोंन पॉजिटिव पाए जाने के पश्चात आइसोलेट हो जाने की खबर के बाद रैली में शामिल हुए सभी लोग अपनी स्वास्थ्य जांच करवाएंगे या उत्तराखंड की धामी सरकार स्वयं ऐसे लोगों को ढूंढ ढूंढ कर चिन्हित करेगी ताकि उत्तराखंड में ओमिक्रोन का विस्फोट न हो।