Thursday, November 21, 2024
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भारतबर्ष का पहला टाइगर सफारी ज़ोन होगा पौड़ी गढ़वाल के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में। वन मंत्री की अनूठी पहल पर खुलेंगे लैंसडौन वन प्रभाग क्षेत्र से कॉर्बेट पार्क के तीन द्वार।

◆ कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग लैंसडाउन की वेबसाईट हुई लांच।
◆ पाखरो नेचर ट्रेल बर्ड वाचिंग का हुआ शुभारंभ।
◆ पाखरो, वतनवासा व दुर्गादेवी सफारी ज़ोन 15 दिसम्बर से जंगल सफारी के लिए खुलेंगे।

(मनोज इष्टवाल)

कुछ कार्य यकीनन ऐसे होते हैं जो कुछ समय पश्चात अद्भुत परिणाम देते हैं। वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने ल अपने 05 साल के कार्यकाल के दौरान कुछ ऐसी ही अनूठी पहल की हैं जिनका हमें मुरीद होना चाहिए। तमाम विवादों के बावजूद भी हार न मानने वाले ऐसी राजनीतिक शख्सियत प्रदेश में कम ही दिखने की मिलती हैं, जो सामाजिक हितों की पैरवी के लिए अपने सम्पूर्ण विभाग को कभी हाई कोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए खड़ा कर दें।

वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने जब लाल ढांग चिल्लरखाल से रामनगर तक राजा जी नेशनल पार्क व जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से गुजरने वाली बफर ज़ोन सड़कों को हॉट मिक्स करने का प्रस्ताव रखा तब देश के अंग्रेजी अखबारों ने इस सबके विरुद्ध हंगामा काटना शुरू कर दिया, कई पर्यावरणविद्ध पहले हाई कोर्ट व फिर सुप्रीमकोर्ट जा पहुंचे। नतीजा यह निकला कि इस पर फैसला आते-आते दो बर्ष से भी अधिक का समय लग गया।

अब बारी थी कालागढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगल सफारी ज़ोन की। लैंसडाउन वन प्रभाग के अधीन पड़ने वाले इस पाखरो, वतनवासा व दुर्गादेवी क्षेत्र में तीन टाइगर सफारी ज़ोन के बाड़े बनने की व इनके गेट खोले जाने की। पहला विरोध रामनगर क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा दर्ज हुआ शुरू हुआ फिर जंगल सफारी करने वाले व्यवसायियों की, जिन्हें यह भय था कि कहीं हमारा सारा रोजगार छिनकर पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार क्षेत्र में न चला जाय। फिर क्या था नैनीताल हाई कोर्ट व दिल्ली हाई कोर्ट में पीआईएल दर्ज होनी शुरू हुई, विभागीय मुस्तैदियों के चलते नेशनल टाइगर ऑथोरिटी, नेशनल जू अथॉरिटी व राष्ट्रीय पर्यावरण बोर्ड की तमाम रुकावटों के बावजूद भी विभाग ने आखिर सभी जगह अपनी सुदृढ पैरवी के चलते एनओसी हासिल कर साबित कर ही दिया कि सच्ची लगन व निष्ठा से किये जाने वाले सामाजिक कार्यों में जीत कैसे हासिल होती है।

विगत 17 नवम्बर 2021 को कॉर्बेट रिसेप्शन सेंटर कोटद्वार में आयोजित कार्यक्रम में डॉ हरक सिंह रावत ने जहां कालागढ़ टाइगर रिजर्व की वेबसाइट लांच की वहीं कोटद्वार के अजय कुकरेती द्वारा तैयार कॉर्बेट पार्क के पक्षियों पर विभागीय कलेंडर भी लांच किया गया। ज्ञात हो कि सम्पूर्ण भारत बर्ष में लगभग 1500 पक्षियों की प्रजातियों में 600 पक्षियों की प्रजाति इसी आरक्षित वन क्षेत्र में पाई जाती हैं।

वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने इस दौरान जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्बेट 250 टाइगर, राजाजी नेशनल पार्क का बफर जोन होने से कोटद्वार-भावर के लोग कई तरह से वन्य पाबन्दियाँ होने का दंश झेल रहे थे, जिसके कारण उन्हें 11 किमी. दूरी तय करने के लिए लगभग 40 किमी से ज्यादा सड़क मार्ग की दूरी तय करनी पड़ती थी। अकेले इस क्षेत्र में 250 से अधिक टाइगर, हाथियों का बड़ा हुजूम और वन क्षेत्र के कानून की तमाम रुकावटें भेदनी बहुत मुश्किल काम है। ऐसे में कई घटनाएं होती रहती हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी एक ही इच्छा थी कि मैं अपने कार्यकाल में अपनी विधान सभा क्षेत्र की जनता के लियर लालढांग-चिल्लरखाल-कोटद्वार रोड बना पाऊं व कोटद्वार क्षेत्र से कॉर्बेट का गेट खुलवा सकूँ, जो आखिर पूरी हो पाई हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भी पीठ थपथपाई।

उन्होंने कहा कि बाघों के क्षेत्र में बाघों की सफारी पूरे देश में नहीं हैं। इतना जरूर है कि गुजरात में लायन सफ़ारी है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने ढिकाला आकर पाखरो टाइगर सफ़ारी की घोषणा की थी, बस उसी को लकीर समझकर उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया और आखिरकार अपने विभागीय काबिल अधिकारियों के साथ मिलकर वे कॉर्बेट के 70 प्रतिशत टाइगर सफारी ज़ोन में लैंसडाउन वन प्रभाग क्षेत्र से पाखरो, वतनवासा व दुर्गा देवी टाइगर सफारी जोन खुलवाने की लड़ाई जीत सके हैं।

वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने देश के उन बड़े अंग्रेजी अखबारों का धन्यवाद भी किया जिन्होंने पाखरो टाइगर टाइगर सफ़ारी को लेकर एक एक पेज की नकारात्मक खबर छापी, जिसने उन्हें बैठे बिठाए खूब प्रचार प्रसार दे दिया।उन्हें धन्यवाद।

उन्होंने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट, नैनीताल हाई कोर्ट मामला गया। लाल ढांग-चिल्लरखाल का मामला तो सुप्रीम कोर्ट गया, सब अधिकारी घबराए हुए थे। लेकिन उन्होंने अपने 30-35 साल के राजनीतिक जीवन में यह बात गांठ बांधकर रख ली है कि आपका उद्देश्य सही हो भावना सही हो तो बाधाएं आएंगी लेकिन पार हो जाया करती हैं।

नेशनल टाइगर अथॉरिटी, नेशनल जू अथॉरिटी व राष्ट्रीय पर्यावरण बोर्ड ने जब रुकावटें पैदा की लेकिन हम वहां भी अपनी पैरवी करने में सफल रहे और प्रमाण आपके समक्ष हैं।

भारत बर्ष की 1200 पक्षियों में 600 पक्षियों की प्रजाति अकेले टाइगर रिजर्व क्षेत्र में।

कालागढ़ टाइगर रिजर्व डिवीज़न लैंसडाउन द्वारा अजय कुकरेती के आकर्षक फोटोग्राफ्स के साथ “कालागढ़ टाइगर रिजर्व Wilderness – 2022” कलेंडर का भी लोकार्पण करवाया गया। अजय कुकरेती ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी बर्षों की मेहनत आज सफल हुई जब उनके ये बेहद खूबसूरत फोटोग्राफ्स कलेंडर के रूप में विभाग की वेबसाइट के साथ साथ आमजन के पास उपलब्ध हो पाए हैं। उन्होंने वन मंत्री हरक सिंह व वन्य अधिकारी राहुल व किशननाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक साकारात्मक सोच की उपज के चलते हम सभी पाखरो सफारी ज़ोन में ही पाखरो नेचर बर्ड वाचिंग का आनन्द ले सकेंगे। यकीन मानिए दुनिया भर में जितनी तादात वाइल्ड लाइफ नेचर के टाइगर्स को देखने की आम आदमी की है उसी के समतुल्य तादात बर्ड वाचर्स की भी है। आप देश भर की पक्षियों की आधी संख्या जब दुनिया भर में व्याप्त रंगों के साथ यहां दीदार करेंगे तो आप खुशी से झूम उठेंगे। इन पक्षियों के पास से गुजरते बंगाल टाइगर्स व अन्य वन्य जीव आपके रोमांच को दुगना बढ़ा देते हैं।

अजय कुकरेती कहते है कि हम अभी इसके परिणाम सामने नहीं देख पा रहे हैं कि पाखरो, वतनवासा व दुर्गा देवी सफारी ज़ोन से कोटद्वार व पौड़ी गढ़वाल के व्यवसायियों, पर्यटन, होटल उद्योग से जुड़े लोगों को क्या लाभ मिलेगा। जब काशीपुर से लेकर रामनगर क्षेत्र के हजारों-हजार लोगों की रोजी-रोटी व्यवसाय का जरिया ही जिम कॉर्बेट पार्क है तब यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य के लिए वन विभाग व वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत कोटद्वार गढ़वाल क्षेत्र को क्या उपहार दे गए हैं।

बहरहाल यह तो तय है कि इस पहल से रामनगर क्षेत्र के व्यवसायियों के बीच बड़ी बेचैनी का माहौल है व वे कभी नहीं चाहेंगे कि कोटद्वार से सफारी शुरू हो क्योंकि इससे उनके हाथों वाइल्ड लाइफ टूरिज्म का एक बड़ा साम्राज्य छिन जाएगा। मेरा तो यह भी मानना है कि जिस दिन पौड़ी गढ़वाल में पड़ने वाला जिम कॉर्बेट पार्क का ढिकाला वन्य क्षेत्र भी कोटद्वार के हिस्से से संचालित होना प्रारम्भ हो जाएगा उस दिन वाइल्ड लाइफ टूरिज्म में एक नया दौर शुरू होगा।

निराशा इस बात की ज्यादा दिखी कि जिन कोटद्वार के व्यवसायियों के लिए तस्तरी में सजाकर इतना खूबसूरत तोहफा वन विभाग व वन मंत्री ने कई तरह की कानूनी लड़ाइयां लडकर अर्जित की,वही ऐसे अभूतपूर्व कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करने में आलसी रहे। उम्मीद की ऐसी आस जगाने वाले वन विभाग लैंसडाउन प्रभाग को साधुवाद व आमजन के लिए रोजगारपरक “वाइल्ड लाइफ टूरिज्म” विकसित करने के लिए वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का धन्यवाद।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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