(मनोज इष्टवाल)
विधान सभा चुनाव उत्तराखण्ड की देहरी पर खड़े हैं। ऐन चुनाव से पहले दो मुख्यमंत्री बदलना व फिर पूर्व राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य का इस्तीफा होना कहीं न कहीं इस बात का सूचक तो जरूर है कि उत्तराखंड की राजनीति व राजनीतिक गलियारों तथा जनता के पास जो रिपोर्ट कार्ड है, वह कार्ड केंद्र सरकार के पास 33 परसेंट के आस-पास का है, यानि पास मार्क नम्बरों का। ऐसे में स्वाभाविक है कि कुछ नए प्रयोग केंद्र सरकार संघ व संगठन के माध्यम से देखना चाह रही है। ऐसे में सैनिक पृष्ठभूमि के नए राज्यपाल की उत्तराखण्ड में नियुक्ति इस बात का संकेत है कि केंद्र प्रदेश की वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों से अच्छी तरह वाफिक है।
08वें राज्यपाल के रूप में ले. जनरल गुरमीत सिंह की तैनाती इस बात का संकेत समझी जा सकती है कि यह सैन्य प्रदेश रहा है व सैनिकों का यहां सर्वत्र सम्मान हुआ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार शाम कई प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति कर दी। बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद बृहस्पतिवार को लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) को उत्तराखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना में उच्च पदों पर रहे हैं। इस दौरान वह चीन से जुड़े सामरिक मामलों को भी देख चुके हैं। राज्य के आठवें राज्यपाल के तौर पर सैन्य बहुल और सीमांत राज्य में उनकी नियुक्ति को केंद्र की खास रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। गुरमीत सिंह राज्य में सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दूसरे राज्यपाल होंगे। उत्तराखंड के पहले राज्यपाल सरदार सुरजीत सिंह बरनाला थे। उत्तराखंड में ऊधमसिंह नगर जिले में सिख मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है।
उत्तराखण्ड के नए राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह सेना से 2016 में सेवानिवृत्त हुए। सेना में करीब 40 वर्ष की सेवा के दौरान उन्होंने चार राष्ट्रपति पुरस्कार और दो चीफ आफ आर्मी स्टाफ कमंडेशन अवार्ड भी प्राप्त किए। वे डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ के अलावा एडजुटेंट जनरल और 15 कार्प्स के कमांडर चीन मामलों से जुड़े मिलिट्री आपरेशन के निदेशक नेशनल डिफेंस कालेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ से स्नातक चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम.फिल डिग्री ली है व चेन्नई विश्वविद्यालय से ‘स्मार्ट पावर फार नेशनल सिक्योरिटी डायनेमिक्स’ विषय पर पीएचडी कर रहे हैं। उनकी शिक्षा पंजाब व सैनिक स्कूल कपूरथला से हुई है।
परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल व अति विशिष्ट सेवा मेडल इत्यादि सैकड़ों सम्मान प्राप्त करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का बचपन में फौज का कैप्टन बनने का सपना था लेकिन कड़ी मेहनत, बहादुरी एवं आतंकवाद विरोधी मुहारत ने उन्हें अब उत्तरखंड राज्य के गवर्नर के पद तक पहुंच दिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने गुरमीत सिंह को राज्यपाल बनाए जाने पर बधाई दी है।