Friday, October 18, 2024
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चार धाम यात्रा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुरू किया अनशन। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व कांग्रेसी विधायक विधान सभा में धरने पर बैठे।

देहरादून (हि. डिस्कवर)।

चार धाम यात्रा को शुरू करवाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहां अनशन शुरू कर दिया है वहीं विधान सभा के मानसून सत्र में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व अन्य कांग्रेसी विधायक धरने पर बैठ गए है। सबसे पहले केदारनाथ विधायक मनोज रावत हाथ में तख्ती लेकर धरने पर विधानसभा सभा भवन के मुख्य द्वार के पास आकर धरने पर बैठे। उनके हाथ मे पकड़ी तख्ती में लिखा था “चारधाम यात्रा शुरू करो”।

जहां कांग्रेसी वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने आवास पर इसी मुद्दे को लेकर एक घण्टे के अनशन पर बैठे हैं वहीं कांग्रेसी विधायकों ने विधान सभा में धरना दिया है। तदोपरान्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह रावत ने कांग्रेसी नेताओं को इस मुद्दे पर साकारात्मक वार्ता के लिए बुलाया।

केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने सोशल साइट फेसबुक पर उपरोक्त सम्बन्ध में सन्देश देते हुए कहा है कि- Thanx #HarishRawat ji चार धाम यात्रा खोलने के लिए अनशन पर बैठने हेतु ।
Thanx #प्रीतमसिंह जी और सभी कांग्रेस विधायक गण इस मांग के समर्थन में विधानसभा में धरना देने हेतु।

आज #चारधाम यात्रा को आरंभ करने को लेकर विधानसभा परिसर में धरना दिया । मैं सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री श्री #हरीशरावत जी को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने भी आज इस मांग के समर्थन में अपने आवास में 1 घंटे का अनशन किया।
श्री बदरी, श्री केदार, गंगोत्री व यमनोत्री जी न केवल इन जिलों के लोगों की रोज़ी-रोटी का आधार है बल्कि ये पावन मंदिर हरिद्वार -दिल्ली तक के व्यापारियों-कारोबारियों का पालन- पोषण करते गए।
मेरा पूरा विश्वास है कि , उत्तराखंड के चार-धाम उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार हैं । आज सारे देश में सभी मंदिर खुले गए सारे पर्यटक स्थल खोल दिए हैं । फिर चार धाम क्यों बंद हैं ?
मेरी विधानसभा में कुछ दिनों से मेरे पास कई होटल व्यवसायी अपने होटलों को बिकवाने की असहायता भरा प्रस्ताव रखा है।
इन लोगों ने करोड़ों के होटल अपनी मेहनत के पैसे से बनाए और 2 साल से मनरेगा में काम करके परिवार का पोषण कर रहे हैं।
q यात्रा को खोलने की बात कही थी, तब मैं और यात्रा से जुड़े लोग इस विचार का विरोध कर रहे थे । परंतु रावत जी का सुझाव ठीक निकला । पिछले साल की 2 महीनों की यात्रा ने लोगों को बड़ा आर्थिक आधार दिया। लोगों के भूखे मरने की नौबत नही आई।
इस साल जोशीमठ- पांडुकेश्वर , सोनप्रयाग , चोपता, औली, मंसूरी, नैनीताल में या तक सब कुछ चल रहा है पर चार धाम बंद हैं।
सरकार कुछ नही कर पा रही है , बदरीनाथ , केदारनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री से लोग हमसे निवेदन कर रहे हैं कि जल्दी यात्रा खोली जाए।
ऐसे में धरने पर न बैठें तो क्या करें ?
माननीय मुख्यमंत्री जी ने सहृदयता दिखाई और धरने पर आए साथ ही हमें वार्ता के लिए आमंत्रित किया। हमने भी सुझाव दिया कि उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में अच्छे वकीलों से पैरवी करवाएं ।
मेरा ये भी मानना है कि कुम्भ में अविवेकशील निर्णय करोड़ों की भीड़ इकट्ठा करके सरकार ने चार धामों के निवासियों की रोAAजी-रोटी की हत्या की । आज सरकार यात्रा खोलने के न्यायोचित निर्णय के कारणों को न्यायालय को नही समझा पा रही है ।
इस कारण चारों धामों के लोग हैरान-परेशान हैं।
मुझे आशा है कि अभी भी सरकार कुछ करेगी , जागेगी और चार धाम यात्रा खोलेगी।

मनोज रावत,
विधायक, केदारनाथ,

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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