देहरादून (हि. डिस्कवर)
तहसील चकराता के क्वांसी क्षेत्र के बिजनाड खड्ड में सुबह 8:30 बादल फटने से पानी व मलवे की चपेट में आकर एक पुरुष व दो लड़कियों की मौके पर ही मौत हो गई व 15 बकरियों बहने व मलवे दबने से मौत की खबर है।
उपजिलाधिकारी कालसी/तहसील संगीता कन्नौजिया से मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार चकराता, पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई हैं। क्षेत्रीय समाजसेवी इंद्र सिंह नेगी से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक छानी बही है जिसमें 32 बर्षीय मुन्ना दास की डेड बॉडी बरामद हो गयी है जबकि काजल 15 बर्ष पुत्री मुन्ना दास व साक्षी 13 बर्ष पुत्री शिशुुुपाल की डेड बॉडी भी बरामद हुई है। इंद्र सिंह नेगी के अनुसार 15 बकरियां भी इस फ्लड में बहकर व दबकर मर गयी हैं।
इंद्र सिंह नेगी के अनुसार यह घटना पटवारी क्षेत्र बरौता के बीजनाड गांव की छानी चिचराडा की है, जहां तीन लोगों की मौके पर मौत हुई है व चार घायलों का पीएचसी क्वांसी में उपचार चल रहा है। घटना की खबर लगते ही गांव के गांव घटना स्थल पर उमड पड़े जिससे समय पर चार घायलों की जान बचाई जा सकी।
स्वास्थ्य खराब होने के कारण नहीं आ पा रही हूं, जिसका मुझे मलाल है।
भाजपा नेता समाजसेविका व जिला पंचायत अध्यक्ष देहरादून श्रीमती मधु चौहान तोमर ने सोशल साइट पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि-“इस दर्दनाक घटना में पीडित परिवारो के साथ मेरी संवेदनाएं।
इसे प्रकृति की मार कहें या पीडित परिवार की ग्रह चाल, आसमान से बरसे कहर ने चकराता में बिजनाड़ के खोडकोटा छानी में निवास कर रहे एक परिवार की जीवन लीला समाप्त कर दी । जोकि बेहद दर्दनाक घटना है,जैसे ही मुझे बिजनाड खड में भूस्खलन की सूचना मिली मैने प्रशासन से तत्काल बचाव कार्यो में तेजी लाने व पीडित परिजनों को हर संभव सहायता करने के निर्देश दिए है, मेरा स्वयं का मन था कि मैंं तत्काल घटना स्थल पर पहुंचकर पीडितों को ढाढ़स बंधाऊ, लेकिन मेरा स्वास्थ्य ठीक नही होने पर में नही पहुंच पाई, जिसका मुझे मलाल है।
प्रकृति के इस कहर के शिकार हुए सभी दिवंगतों के आत्माओं की शांति के लिए मै ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ। साथ ही सभी पीडित परिजनों को यह भरोसा दिलाती हुं कि शासन प्रशासन की तरफ से हर संभव सहयोग व सहायता दिलाई जाएगी, मै जिलाधिकारी देहरादून व स्थानीय प्रशासन से निरंतर संम्पर्क में हूँ, तथा पल पल की जानकारी लेकर हर संभव सहायता के लिए प्रयास कर २ही हुं.मै इस हादसे से पुरी तरह आहत हूँ। मेरी संवेदनाएं पीडित लोगो के साथ है !”
क्या कहा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने।
उत्तराखंड में कई स्थानों से अतिवृष्टि और भूस्खलन की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को फोन कर प्रभावितों तक तुरंत सहायता पहुंचाने तथा घायलों के समुचित इलाज और बेघर लोगों के भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावितों को अविलंब अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। किसानों कि फसलों को हुए नुक़सान का आँकलन कर शीघ्र मुआवज़ा देने के लिए भी ज़िलाधिकारियों को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने और राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर आवागमन सुचारू करने के लिए राज्य सरकार समुचित प्रबंध कर रही है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थानों पर अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी मिलते ही राजस्व पुलिस, पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गई है।
दूसरी ओर चमोली जिले के अंतर्गत बद्रीनाथ हाइवे पर लामबगड़ नाले में उफान आने से एक ट्रक बहने की खबर है। बताया जा रहा है कि हाइवे लगभग 50 मीटर क्षतिग्रस्त हो गया है।
लगातार दो दिनों से चल रही भारी बर्षा से कुमाऊँ मण्डल के बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले को आपस में जोड़ने वाला नाचनी कस्बे का पैदल पुल भी बह गया है।