Thursday, November 21, 2024
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पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं और लोकतंत्र की हत्या के विरोध में सांसद नरेश बंसल ने दिया धरना।

देहरादून (हि. डिस्कवर) ।

पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं और लोकतंत्र की हत्या के विरोध में आज राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने धरना दिया । बंसल ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर जो प्रहार हो रहा है । हम सभी इस विपत्ति काल में बंगाल के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होकर प्रजातात्रिंक तरीके से लड़ने के लिए कृतसंकल्प है। बंगाल में क्यों हिन्दू परिवारो को निशाना बनाया जा रहा है ।उनकी हत्या हो रही है मां बहनों के साथ दुष्कर्म व दुर्व्यवहार हो रहा है। सैकड़ों कार्यकर्ताओं को घर से बाहर रहना पड़ रहा है । सासंद बंसल ने कहा कि क्या यहीं पश्चिम बंगाल का लोकतंत्र है ,जहां एक महिला मुख्यमंत्री है?

क्यो तथाकथित सेकुलर गिरोह शांत है ? क्यो सुप्रिम कोर्ट संज्ञान नही ले रही ,चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा कोई चुनावी जश्न नही होगा तो पश्चिम बंगाल में कैसे हो रहा है ? राष्ट्रपतिं जी से बंगाल मे राष्ट्रपति शासन की मांग की।

उन्होंने कहा कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के साथ है ,माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी नडडा जी तुरंत बंगाल पहुंचे है ,उनके धरने का मंच तोड़ दिया गया यह बहुत चिंता जनक है । सासंद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आराजकता चरम पर है तुरंत लोकतंत्र स्थापित हो।।कार्यकर्ताओं की शहादत को शत-शत नमन करते हुए कहा कि वह व्यर्थ नहीं जाएगी, हम उनकी विचारधारा की लड़ाई निर्णायक मोड़ तक पहुंचाएंगे।

सासंद ने कहा कि गृहमंत्री माननीय अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लेते हुए राज्यपाल जी व चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार देश मे कही भी आराजकता नही फैलाने देगी।कोरोना संकट काल मे टीएमसी कार्यकर्ताओं का यह व्यवहार घोर निन्दनीय है,ममता बनर्जी जी को तुरंत इस पर लगाम लगा पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र स्थापित करना होगा ।

सासंद बंसल ने पुछा कि ममता दीदी,क्या बंगाल की जनता ने आपको सत्ता इसलिए सौंपी है कि आप गरीब जनता पर ऐसा अत्याचार करें? क्या बंगाल में सिर्फ टीएमसी कार्यकर्ता रह सकते हैं?

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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