देहरादून 25 सितम्बर 2020 (हि. डिस्कवर)
हाल के दिनों में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या द्वारा अपर सचिव मुख्यमंत्री वी. षणमुगम की ढूंढ करने के लिए जिस तरह डीआईजी व एसएसपी को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा जाहिर की थी, उसी पीड़ा को आगे बढाते हुए आज पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्रीमति रेखा आर्या का समर्थन करते हुए कहा है कि श्रीमती रेखा आर्या मंत्री हैं व उनकी बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए! उन्होंने वर्तमान सिस्टम पर अंगुली उठाते हुए अप्रत्यक्ष तरीके से सभी मंत्री-मंडल के सदस्यों की बात रखते हुए कह ही दिया कि जो सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों के पास होना चाहिए ताकि सचिव स्तर पर मंत्री उनसे काम ले सकें!
ज्ञात हो कि उत्तराखंड में केंद्र की तरह पूर्व में यह अधिकार सभी विभागीय मंत्रियों के पास होता था लेकिन बेहद चालाकी से अफसरशाही ने इसे सिर्फ मुख्यमंत्री तक सीमित करवा दिया जिसके फलस्वरूप बेलगाम अफसरशाही के चर्चे आये दिन राजनीतिक गलियारों में गूंजते रहते हैं! हाल ही के दिनों में प्रदेश के 27 विधायकों की नाराजगी के चर्चे भी खूब सुनाई दे रहे थे, सभी की एक ही शिकायत थी कि उनकी विधान सभाओं में होने वाले विकास की फाइलें धूल फांक रही है!
इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब एक दिवसीय विधानसभा सत्र के ऐन एक दिन पूर्व महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विभाग में हुई घोर अनियमितताओं का जिक्र करते हुए विभागीय निदेशक वी. षणमुगम व उनके सचिव पर उनका फोन न उठाने की शिकायत एसएसपी को पत्र लिखकर की व आशंका व्यक्त करते हुए लिखा था कि हो न हो उनका किसी ने अपहरण कर लिया है!
अब जबकि यह मामला चल ही रहा था, आज अचानक पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यह बयान देकर पूरे प्रकरण को हवा दे दी है! जिससे मामला काफी गम्भीर हो गया है व लचर व्यवस्था की चर्चाएँ सरेआम हो रही हैं!