ग्राउंड जीरो से संजय चौहान।
इन दिनों सीमांत जनपद चमोली के विभिन्न क्षेत्रों में भालुओं का आतंक है। बीते एक महीने के दौरान भालू के आक्रमण की कई घटनाएं घटित हुई है जिसमें कई लोग घायल हुये तो कई मवेशियों को भालू नें अपना शिकार बनाया। आज एक ऐसी ही घटना चमोली के देवाल ब्लाॅक के वाण गांव में घटित हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार लकड़ी लेने के लिए महिलाओं के साथ जंगल गयी एक युवती राधा पर भालू नें अचानक हमला कर दिया। भालू नें पेड पर चढ़कर हमला किया। राधा ने निडर होकर साहस और वीरता का परिचय देते हुये भालू के हमले का डटकर सामना किया। काफी देर तक दोनों में संघर्ष चलता रहा। इस दौरान भालू बेहद आक्रामक हो गया था। राधा नें भालू पर दंराती से हमला किया जिसके बाद राधा के संग गयी महिलाओं नें शोर मचाया और भालू पर पत्थरों से वार किया। इसी बीच जंगल की ओर भाग गया।
राधा के साथ जंगल गयी महिलाओं नें राधा के साहस की सराहना करते हुये कहा की राधा नें निडर होकर जिस तरह से साहस का परिचय दिया वो सराहनीय है। ग्रामीणों नें कहा की जिस तरह से राधा नें साहस और वीरता का परिचय दिया है। सरकार को उसे वीरता पुरस्कार दिया जाना चाहिए। इसके अलावा ग्रामीणों नें वन विभाग से मुवाअजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा जिस तरह से भालू आक्रामक था उससे किसी भी बडी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। सूचना मिलने के बाद राधा को उसके परिजनों और ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवाल में भर्ती कराया। जहाँ उसका उपचार किया गया।
वास्तव में देखा जाए तो जिस तरह से उत्तराखंड के पहाडी जनपदों में मानव -वन्य जीव संघर्ष की घटनायें बढ रही है वो चिंताजनक है। इस दिशा में गंभीरता से अनुसंधान की आवश्यकता है। आखिर क्यों जंगली जानवर इतने हमलावर हो रहें हैं–?? साथ ही एक बार फिर से राधा नें दिखला दिया है कि पहाड़ की बेटियों का हौंसला और साहस पहाड़ जैसा अडिग है। उसने कभी भी हार नहीं मानी है।
‘राधा’ तुमने वीरता और साहस की नयी परिभाषा गढ़ी है। तुम्हारे संघर्ष को हजारों हजार सैल्यूट।